- संवाददाता || भारत खबर
नई दिल्ली। लोकसभा में एक ऐसा बिल पारित हुआ है जो सांसदों के वेतन में 1 वर्ष के लिए 30 परसेंट की कटौती करेगा। सरकार ने कोरना corona संक्रमण से उत्पन्न स्थिति के कारण इस विधेयक को पेश किया है। संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि वह संसद सदस्यों के वेतन, भत्ता एवं पेशन अधिनियम 1954 में संशोधन करने का विधेयक पेश कर रहे हैं।
इस अध्यादेश को 6 अप्रैल को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिली थी और यह 7 अप्रैल को लागू हुआ था। संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने निचले सदन में संसद सदस्यों के वेतन, भत्ता एवं पेशन संशोधन विधेयक 2020 को पेश किया जो संसद सदस्यों के वेतन, भत्ता एवं पेशन अध्यादेश 2020 का स्थान लेगा।
इस अध्यादेश में कहा गया था कि कोरोनावायरस corona की महामारी के बाद उपजे परिस्थितियों से लड़ने के लिए इस तरह का कदम उठाया गया है जो बेहद जरूरी था। राज्यसभा में मानसून सत्र से पहले 5 विधेयक पेश किए गए थे जिनमें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंत्रियों के वेतन और भत्ते संशोधन विधेयक 2020 को पेश किया।
यह विधेयक इसी साल जारी अध्यादेश का स्थान लेगा। डाॅ. हर्षवर्धन ने केन्द्रीय होम्योपैथी परिषद (संशोधन) विधेयक, 2020 और भारतीय केंद्रीय चिकित्सा परिषद (संशोधन) विधेयक, 2020 भी पेश किया। नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने वायुयान (संशोधन) विधेयक 2020 चर्चा एवं पारित करने के लिए कहा। यह विधेयक संसद के पिछले सत्र में लोकसभा में पारित हो चुका है। ये सभी विधेयक सदन की कार्यवाही समाप्त होने से कुछ मिनट पहले पेश किए गए।
इस अध्यादेश के जारी होने के बाद अब कयास लगाए जा रहे हैं की आम जनता के लिए सरकार ने यह कदम उठाए हैं और इससे खोलना संक्रमण से उपजे परिस्थितियों से लड़ने में पूरी मदद मिलेगी हालांकि इस विधेयक के लागू होने के बाद अभी तक किसी सांसद की कोई विशेष प्रतिक्रिया टिप्पणी नहीं आई है।