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कोरोना ने दिया सबक, प्रकृति की ओर हमें लौटना ही होगा: आलोक रंजन

WhatsApp Image 2021 08 24 at 4.18.56 PM कोरोना ने दिया सबक, प्रकृति की ओर हमें लौटना ही होगा: आलोक रंजन
  • आरोग्य वाटिका का आलोक रंजन ने किया शिलान्यास, लगेंगे औषधीय पौधे

  • स्मॉल इंडस्ट्री मैन्युफैक्चर एसोसिएशन की ओर से तैयार की जा रही है आरोग्य वाटिका

लखनऊ। स्मॉल इंडस्ट्रीज एवं मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (सीमा) की ओर से सरोजनीनगर के इंस्ट्रियल एरिया पार्क में आरोग्य वाटिका तैयार की जा रही है। इसका शिलान्यास मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन ने किया। इस दौरान युवा उद्यमी अविनाश कुमार सिंह की स्मृति में उनकी प्रतिमा का अनावरण भी किया गया।

इस मौके पर केजीएमयू के पूर्व कुलपति डॉ एमएलबी भट्ट, होम्योपैथिक बोर्ड के चेयरमैन डॉ बी एन सिंह, आरोग्य भारती के डॉ अभय तिवारी, सीमा के अध्यक्ष शैलेंद्र श्रीवास्तव, सीमा उपाध्यक्ष पवन तिवारी, सीमा के सलाहकार ए एस राठौर व राजीव सक्सेना, कोषाध्यक्ष कीर्ति प्रकाश, सचिव रितेश श्रीवास्तव समेत कई लोग मौजूद रहे।

आलोक रंजन कोरोना ने दिया सबक, प्रकृति की ओर हमें लौटना ही होगा: आलोक रंजन
उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन ने कहा कि आरोग्य वाटिका की योजना आज की बिगड़ती दिनचर्या और खानपान के दौर में बेहद जरूरी है। इससे ना सिर्फ हम प्रकृति से जुड़ रहे हैं, बल्कि लाखों को लोगों की कमजोर हो रही इम्युनिटी को भी बढ़ाने का काम कर रहे हैं। प्रकृति से छेड़छाड़ करने की सजा हम भुगत रहे हैं। जितनी भी बीमारियां आ रहीं हैं, उनके पीछे एक बड़ा कारण यह है कि हमने प्रकृति को समझा ही नहीं है।

आलोक रंजन ने अपने कार्यकाल के दिनों को याद करते हुए कहा कि जब मैं सचिव था तो हम लोगों ने पांच करोड़ पौधे लगाने का प्रण किया था। इसको गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में शामिल किया गया था। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की जरूरत है तो वह तैयार हैं। प्रकृति को बचाए रखने के लिए हरसंभव मदद करेंगे।

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उन्होंने सीमा की तारीफ करते हुए कहा कि यह एक सुन्दर और सराहनीय पहल है। पार्क की खूबसूरती को देखने के लिए लोग दूर दूर से आए हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि जो जो पौधे लगे हैं, उनके सामने तख्ती लगाकर उनके नाम उस पर लिख दिए जाएं, जिससे कि पहचानने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो।

केजीएमयू के पूर्व कुलपति डॉ एम एल बी भट्ट ने कहा कि कोरोना जैसी बीमारी के दौर में हमने देखा की औषधियां कितनी कारगर साबित हुईं हैं। आधुनिकता के बीच हमने कई चीजों को छोड़ दिया है। औषधीय पौधे हमें लगाने चाहिएं। प्रकृति की ओर लौटना होगा, अन्यथा सारी कोशिशें हमारी नाकाम ही रहेंगी। कोरोना के दौरान ही हमें आभास हो गया था कि इसकी कोई दवा नहीं हैं। हमें शुद्ध ऑक्सीजन के लिए प्रकृति की ओर लौटना ही होगा।

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स्मॉल इंडस्ट्रीज एवं मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (सीमा) के अध्यक्ष शैलेंद्र श्रीवास्तव

सीमा के अध्यक्ष शैलेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि इस आरोग्य वाटिका में नौ ग्रह, पंचवाटिका आदि लगाए गए हैं। हर तरह के औषधीय पौधे लगाए जा रहे हैं। हमारी कोशिश है कि इसका लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिल सके। उन्होंने बताया कि इस आरोग्य वाटिका में शुद्ध हवा के बीच हम योगा भी कर सकते हैं। शैलेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि अदरक, नींबू, तुलसी, गिलोय आदि के काढ़ों का महत्व हमें कोरोना के दौरान समझ आया था। तभी हमने प्रण लिया था कि आरोग्य वाटिका लगाई जाएगी। जिससे कि लोगों को प्राकृतिक औषधियों की कमी ना हो।

युवा उद्यमी अविनाश कुमार सिंह को दी श्रद्धांजलि

इसी साल 30 जनवरी को युवा उद्यमी अविनाश कुमार सिंह की हत्या कर दी गई थी। उनका जन्मदिन 24 अगस्त को ही पड़ता है। ऐसे में स्मॉल इंडस्ट्रीज एवं मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन व सरोजनी नगर इंडस्ट्रियल एरिया मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने उनके जन्मदिन पर उनकी याद में मंगलवार को एक मूर्ति लगवाई। जिसका अनावरण आलोक रंजन ने किया।

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इस मौके पर अविनाश कुमार के परिवारीजन उनके माता-पिता, पत्नी और विदेश से आए भाई ने भी शिरकत की। उन्होंने एसोसिएशन के प्रति आभार भी व्यक्त किया। आलोक रंजन ने कहा कि अविनाश को तो हम वापस नहीं ला सकते। लेकिन, उद्यमियों को लेकर जो अविनाश का सपना था, उसे पूरा करने का प्रयास हम जरूर कर सकते हैं।

वहीं सीमा के अध्यक्ष शैलेंद्र श्रीवास्तव ने भावुक होते हुए कहा कि अविनाश के विजन से हम सभी प्रभावित थे। कम उम्र में अविनाश ने जो उपलब्धिां पा ली थीं, वह बहुत बड़ी बात थी। उनकी मेहनत, लगन के हम सब कायल थे। अविनाश हमारे साथ नहीं हैं, लेकिन हमारे दिलों में हमेशा जिन्दा रहेंगे।

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