लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अभी कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का पीक आने की आशंका जताई जा रही है। योगी सरकार कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए हर संभव प्रयास में जुटी है, लेकिन नीति आयोग का अनुमान कुछ अलग ही है।
नीति आयोग ने जो अनुमान लगाया है, उसके अनुसार उत्तर प्रदेश कोविड संक्रमण के मामले में अगले एक सप्ताह में महाराष्ट्र को भी पीछे छोड़ सकता है। आयोग के अनुसार, प्रदेश में 30 अप्रैल के बाद हर दिन 1,19,604 नए केस सामने आ सकते हैं।
पीएम के साथ बैठक में व्यक्त किया अनुमान
नीति आयोग का अनुमान है कि, अगर ऐसी स्थिति आती है तो यूपी में प्रतिदिन 16,752 ऑक्सीजन सिलिंडर, 3081 आइसीयू बेड और 1538 वेंटिलेटर की जरूरत होगी। नीति आयोग द्वारा यह अनुमान 23 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक में व्यक्त किया गया।
बड़ी आबादी वाले राज्य में कोरोना से ज्यादा जोखिम का यह अनुमान कोविड-19 टास्क फोर्स के अध्यक्ष व नीति आयोग (स्वास्थ्य) के सदस्य वीके पॉल की अगुवाई वाले पैनल ने लगाया है। आयोग ने चिंता जाहिर करते हुए बैठक में कहा कि, इन राज्यों में स्वास्थ्य से जुड़ा बुनियादी ढांचा मौजूदा गंभीर हालात से निपटने के लिए सक्षम नहीं हैं।
एक लाख से ज्यादा मामले आ सकते हैं सामने
आयोग के अनुमान के अनुसार, यूपी में संक्रमण की मौजूदा रफ़्तार को देखते हुए 30 अप्रैल तक 1,19,604 नए केस सामने आ सकते हैं। इसी समय में महाराष्ट्र में 99,665 और दिल्ली में 67,134 नए मामले आ सकते हैं।
देश का हॉटस्पॉट बन सकता है यूपी
नीति आयोग के अनुमान के मुताबिक, उत्तर प्रदेश 15 मई तक देश का हॉटस्पॉट बन सकता है। यानी कोरोना की दूसरी लहर में अन्य सभी राज्यों को पीछे छोड़कर यूपी नंबर वन पर आ सकता है। यही कारण है कि इस अनुमान के बाद योगी सरकार टीकाकरण पर जोर दे रही है। एक मई से प्रदेश में 8000 केंद्रों पर टीकाकरण अभियान शुरू किया जाएगा।