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COP-14 सम्मेलन: प्रत्यावर्तित भूमि, भविष्य का पोषण विषय पर की गई परिचर्चा

cop 6 day COP-14 सम्मेलन: प्रत्यावर्तित भूमि, भविष्य का पोषण विषय पर की गई परिचर्चा

नई दिल्ली। मरुस्थलीकरण को रोकने पर (यूएनसीसीडी) संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के लिए पार्टियों (सीओपी14) के 14वें सम्मेलन ने वर्तमान में इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट, ग्रेटर नोएडा में आज छठे दिन में प्रवेश किया। सम्मेलन की विषयवस्तु यानी “प्रत्यावर्तित भूमि, भविष्य का पोषण” को ध्यान में रखते हुए अवक्रमित भूमि की बहाली से संबंधित मामलों पर कई विचार-विमर्श आयोजित किए गए थे।

उपरोक्त पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए वन के प्रमाणीकरण और संरक्षण के लिए नेटवर्क (एनसीसीएफ) ने “मरुस्थलीकरण को रोकने और पुनर्स्थापना परिदृश्य के लिए प्राकृतिक संसाधनों के प्रमाणन” पर एक पैनल चर्चा की मेजबानी की। इसमें प्राकृतिक संसाधनों के विभिन्न घटकों, जो वनों, कृषि वनों, शहरी वनों की संधारणीयता को बढ़ाते हैं और इस प्रकार भूमि अवक्रमण को रोकते हुए मरुस्थलीकरण से लड़ने में सहायता करते हैं और एलडीएन के अंतिम लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ते हैं, के प्रमाणन पर फोकस किया गया। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी – अपर वन महानिदेशक सैबल दासगुप्ता,  संयुक्त सचिव जिगमत टकपा,  वन महानिरीक्षक सुभारती  और उल्लेखनीय संगठनों के प्रमुख विशेषज्ञों ने मरुस्थलीकरण को रोकने और किस तरह प्राकृतिक संसाधनों का प्रमाणीकरण विश्व स्तर पर और भारत में भूमि क्षरण की समस्या को दूर करने में मदद कर सकता है, के विषय पर अपने विचार साझा किए।

इस दौरान “स्थानीय और क्षेत्रीय सरकार दिवस” भी  मनाया गया जिसने भूमि क्षरण से संबंधित मामलों पर वैश्विक विद्वानों के साथ परस्पर बातचीत करने के लिए प्रमुख हितधारकों को एक मंच उपलब्ध कराया।

यूएनसीसीडी के कार्यकारी सचिव इब्राहिम थियाव ने इस अवसर पर युवाओं को संबोधित करते हुए कहा, “आप सकारात्मक दृष्टिकोण के पक्षधर हैं। जलवायु परिवर्तन के प्रति युवाओं का जुनून प्रेरणादायक है। मैं आपको भविष्य में भूमि की पुनर्स्थापना में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करता हूं”।

भारत 2 से 13 सितंबर 2019 तक चलने वाले यूएनसीसीडी सीओपी14 का मेजबान देश है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 9 सितंबर, 2019 को उच्च स्तरीय वृत्तखंड बैठक का उद्घाटन करेंगे और सम्मेलन में इस गरिमापूर्ण जनसमूह को भी संबोधित करेंगे। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने उद्घाटन दिवस पर इससे पूर्व कहा था कि यूएनसीसीडी से अच्छे परिणामों की उम्मीद है जो दिल्ली घोषणा पत्र में अधिसूचित किए जाएंगे।

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