नई दिल्ली : जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में 46 साल बाद आयोजित होने वाले दीक्षांत समारोह में मीडिया की एंट्री बैन कर दी गई है। बताया जा रहा है कि जगह छोटी होने के कारण प्रशासन ने सिर्फ उन लोगों को एंट्री दी है जिन्हें निमंत्रण भेजा गया था।
मालूम हो कि इस दीक्षांत समारोह की खास बात ये भी है कि यह समारोह विश्वविद्यालय कैंपस के बाहर ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन(एआईसीटीई) में हो रहा है। गौरतलब है कि सोमवार को जेएनयू छात्रसंघ ने दीक्षांत समारोह के बहिष्कार और सेव जेएनयू कंवेन्शन कार्यक्रम आयोजित करने का ऐलान किया था।
दीक्षांत समारोह में बीएसएफ बैंड प्रस्तुति
हालांकि जेएनयू प्रशासन ने कहा है कि वेन्यू में बदलाव छात्रों के बायकॉट के चलते नहीं हुआ है। बता दें कि आज जेएनयू के छात्रों को पीएचडी डिग्री के साथ देशभक्ति का संदेश भी मिलेगा। दरअसल देश में पहली बार किसी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में आर्मी और बीएसएफ बैंड प्रस्तुति दे रहा है। सेना का बैंड जोड़ने का मकसद छात्रों को भारतीय सेना के काम से रूबरू करवाने के साथ अपने नेशनल डिफेंस एकेडमी के छात्रों को कैंपस से जोड़ना भी है।
जेएनयू देश का एकमात्र विश्वविद्यालय
जेएनयू देश का एकमात्र विश्वविद्यालय है, जहां नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) से पासआउट अधिकारियों को उच्च शिक्षा की पढ़ाई करवायी जाती है। वर्ष 2016 में जब जेएनयू कैंपस में भारत तेरे टुकड़े होंगे, पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे थे, तो विश्वविद्यालय की साख में गिरावट आई थी।
देशभक्ति की भावना को जागृत किया
उसके बाद कुलपति प्रो. एम जगदीश कुमार ने 2017 में केंद्र सरकार से कारगिल दिवस पर जेएनयू कैंपस में भारतीय सेना का टैंक रखने की मांग रखी, जिससे कि छात्रों में देशभक्ति की भावना को जागृत किया जा सके। कैंपस में भारतीय सेना का टैंक तो नहीं लग सका, लेकिन वर्षों बाद आयोजित होने वाले दीक्षांत समारोह की शान में आर्मी और बीएसएफ बैंड अपनी प्रस्तुति और धुन से छात्रों में देशभक्ति की भावना को जागृत करेंगे।
by ankit tripathi