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 कोरोना संक्रमित बीजेपी नेता के पिता के अंतिम संस्कार को लेकर विवाद

meerut 4  कोरोना संक्रमित बीजेपी नेता के पिता के अंतिम संस्कार को लेकर विवाद

मेरठ। सिविल लाइन थाना एरिया के सूरजकुंड श्मशान घाट पर कोरोना संक्रमित के शव के अंतिम संस्कार को लेकर बखेड़ा खड़ा हो गया। दरअसल, अंतिम संस्कार कराने वाले पंडितों ने दाह संस्कार कराने से मना कर दिया। उन्होंने कहाकि कोरोना वायरस से बचाव के लिए प्रशासन ने हमें कुछ भी मुहैया नहीं कराया है। हैंड ग्लव्ज से लेकर सेनेटाइजर तक की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में वह शव का अंतिम संस्कार करने की स्थिति में नहीं है।

पुलिस ने समझाया

इस दौरान पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने हस्तक्षेप करने के बाद अंतिम संस्कार कराया। कोरोना से संक्रमित भाजपा नेता के पिता की मौत के बाद जब उनका शव सूरजकुंड स्थित श्मशान घाट में दाह संस्कार के लिए लेकर पहुंचे तो सूरजकुंड के पंडितों ने संस्कार कराने से मना कर दिया। पंडितों ने शव को वापस लेकर जाने के लिए कह दिया। शव के साथ आए लोगों और पंडितों की इस दौरान नोकझोंक हो गई। इससे शमशान घाट में काफी देर तक विवाद होता रहा। 

शमशान घाट में विवाद की सूचना पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह पंडितों को समझाया। पंडितों का कहना था कि हर जगह कोरोना वायरस की जांच की जा रही है, जबकि हमारे लिए ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। कोई सुविधा नहीं है। ऐसे में कोरोना वायरस के मरीज का दाह संस्कार कराना जान जोखिम में डालने जैसा है। पुलिसकर्मियों ने पंडितों को आश्वासन दिलाया कि शव से किसी प्रकार के संक्रमण का कोई खतरा नहीं है। वह पूरी तरह से सील है। काफी समझाने के बाद ही पंडितों ने शव को दाह संस्कार के लिए शव को श्मशान घाट में प्रवेश दिया। इसके बाद यहां पर शव का अंतिम संस्कार करा दिया गया। 

https://www.bharatkhabar.com/corona-positive-woman-gave-birth-to-a-child-in-meeruts-rajban-child-corona-negative/

इंस्पेक्टर सिविल लाइन अब्दुल रहमान ने बताया कि शव का अंतिम संस्कार करा दिया गया है। अपनी सुरक्षा को लेकर सूरजकुंड पर पंडित चिंतित थे उनका कहना था कि हमें भी ग्लव्ज और सेनेटाइजेशन की व्यवस्था की जानी चाहिए। इसके लिए उच्च अधिकारियों से भी बातचीत की गई है।

एंबुलेंस में आया शव

हर बाप की इच्छा होती है कि वह अपने बेटों के कंधे पर जाए और उनको मुखाग्नि बेटा ही दे। लेकिन कोरोना वायरस ने नियम संस्कार को भी किनारे कर दिया है। भाजपा नेता के दोनो बेटे कोरोना पॉजिटिव होने के चलते न तो कंधा दे सके और न ही मुखाग्नि दे सके। अंतिम दर्शन भी पिता के नहीं कर सके और न ही चरण छू सके। यह मलाल बेटों को जिंदगी भर रहेगा। हालांकि मृतक के भाई और साले जरूर श्मशान घाट पहुंचे। एंबुलेंस में स्वास्थ्य विभाग का एक कर्मचारी शव लेकर पहुंचा और अंतिम संस्कार कराया।

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