चेन्नई। भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के विमान एन-32 के शुक्रवार सुबह लापता होने को लेकर मौसम विभाग के अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि ऐसी संभावना नहीं है कि यह विमान बंगाल की खाड़ी में आए तूफान की चपेट में आ गया होगा। मौसम विभाग के अधिकारियों ने आईएएनएस से कहा, “मौसम पहले की तरह शांत था। बंगाल की खाड़ी में कम दबाव या तूफान जैसी कोई बात नहीं थी। यह दक्षिण-पिश्चम मानसून का मौसम है।”
वायु सेना के विमान एएन-32 ने चेन्नई के निकट तांब्रम वायु सेना केंद्र से शुक्रवार सुबह 8.30 बजे के आसपास उड़ान भरी थी और इसे 11.30 बजे अंडमान निकोबार द्वीप समूह के पोर्ट ब्लेयर पर उतरना था। विमान में 29 लोग सवार थे। उड़ान भरने के बाद लगभग 16 मिनट तक विमान का एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर से संपर्क रहा, जिसके बाद वह रडार स्क्रीन से गायब हो गया।
विमान में चालक दल के छह सदस्य, वायु सेना, नौसेना तथा तट रक्षक के 15 कर्मचारी व आठ नागरिक सवार थे, जो कर्मचारियों के परिवार के सदस्य हैं। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर वायु सेना, नौसेना तथा तट रक्षक द्वारा तलाशी अभियान का जायजा लेने शनिवार सुबह यहां पहुंचे। अधिकारियों के मुताबिक, समुद्र में विमान का कोई मलबा तैरता नहीं देखा गया है।
सेना के एक पायलट ने आईएएनएस से कहा, “विमान की डिजाइन इस तरह की है कि वह आपात अवस्था में भी उड़ान भर सकता है। पायलट को इतना तो समय मिला होगा कि वह मदद के लिए आपात संदेश भेज सके या सुरक्षा की तरफ रुख कर सके।”
पायलट के मुताबिक, सामान्य आपात स्थिति में एएन-32 विमान न तो एक पत्थर की तरह जमीन पर गिरेगा और न ही आसमान में गायब हो जाएगा, क्योंकि पायलट के पास प्रतिक्रिया करने के लिए समय होता है। उन्होंने कहा, “लेकिन भयावह खतरे के दौरान पायलट को प्रतिक्रिया करने का वक्त नहीं मिलेगा।”
पायलट ने कहा, “आसमान में विमान के किसी भयावह घटना का शिकार होने की बात को खारिज नहीं किया जा सकता।”
उन्होंने कहा, “उदाहरण स्वरूप, अगर एक विमान भीषण आंधी-तूफान में फंस जाए, तो उसकी स्थिति तूफान में फंसे एक कागज की तरह होगी। तूफान विमान को पत्थर की तरफ फेंक देगा।” इसके अलावा, विमान के सभी इंजनों का एक साथ बंद हो जाना, भीषण आग, ईंधन लीकेज, फ्लाइट कंट्रोल जाम होना, आग के कारण विमान पर नियंत्रण खत्म होना जैसे हादसों का शिकार हो सकता है।