नई दिल्ली। चीन को टक्कर देने के लिए भारत की तैय़ारियां बिल्कुल भी कम नहीं हैं। अगर दुश्मन हमें कम तर आंकने की कोशिश करता है तो उसके लिए ये बस एक भूल है। क्योंकि जहां कहा जा रहा है कि चीन दुर्गम इलाकों में सड़कों का निर्माण कर अपनी सीमा के अन्तिम छोर तक सेना और सामान पहुंचाने के लिए सड़कों का सीमा पर जा बिछा रहा है वहीं अब सीमा सड़क संगठग ने भी अपनी कमर कसते हुए जम्मू कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में मोटर वाहन की सबसे ऊंची सड़क का निर्माण कर पूरा कर दिया है।
बीआरओ के प्रवक्ता ने ये जानकारी देते हुए कहा कि बीआरओ की हिमांक परियोजना के अन्तर्गत यह कामियाबी मिली है। इस परियोजना के अन्तर्गत संगठन ने लेह से 230 किमी दूर हानले के पास इस सड़क का निर्माण कार्य पूरा किया है। चिसुमले और देमचक गांवों को जोड़ने वाली 86 किमी लंबी सड़क सामरिक दृष्टि से बहुत ही महत्व पूर्ण भूमिका आने वाले समय में अदा करेगी। क्योंकि ये गांव चीन की सीमा पर महज चंद फासले पर स्थित हैं। ऐसे में इस इलाके में सड़क का निर्माण सेना के लिए बड़ा उपहार साबित होगा।
लेह और लद्दाख का ये क्षेत्र अपने विषम परिस्थितियों के लिए जाना जाता है। यहां पर गर्मियों के मौसम में तापमान शून्य से 15 या 20 डिग्री तक ही रह पाता है। जबकि सर्दियों में यहां शून्य से नीचे 40 डिग्री तक तापमान पहुंच जाता है। ऐसी विषम परिस्थितियों में बीआरओ से सड़क का निर्माण कर बड़ा काम कर दिखाया है। इस परियोजना के चीफ इंजीनियर ब्रिगेडियर डीएम पुरवीमठ ने का इसके लिए सभी कर्मचारी बधाई के पात्र हैं। क्योंकि चुनौती भरी जगह पर इस काम को अंजाम दिया गया है।