नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस पर राजधानी में हुई हिंसा के बाद पुलिस का एक्शन जारी है। एक तरफ पुलिस ने 37 किसान नेताओं पर गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। वहीं पुलिस ने राकेश टिकैत समेत कई नेताओं को लुक आउट नोटिस जारी कर दिया है। गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह घायल जवानों से मिले। इसी बीच गाजीपुर बाॅर्डर पर किसानों को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि प्रशासन ने किसानों को अपनी जाल में फंसाया, उन्हें उलझाया गया। हिंसा का शब्द हमारी सूची में नहीं है। बतादें कि दिल्ली में 26 जनवरी को हुई हिंसा के मामले की 9 FIR क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर की गई है। दिल्ली हिंसा की जांच क्राइम ब्रांच के साथ स्पेशल सेल भी करेगी।
राकेश टिकैत ने प्रशासन को ठहराया जिम्मेदार-
भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से जारी रहेगा. किसानों को रास्ते से भटकाया गया है. आंदोलन को तोड़ने की साजिश रची गई है. राकेश टिकैत ने कहा कि प्रशासन ने किसानों को अपनी जाल में फंसाया, उन्हें उलझाया गया. हिंसा का शब्द हमारी सूची में नहीं है.
आंदोलन नहीं चाहते तो यहां से करे गिरफ्तार- राकेश टिकैत
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर सरकार को इस आंदोलन को नहीं चलने देना है तो यहां से हमें गिरफ्तार करे. उन सभी ट्रैक्टर सवार किसानों का धन्यवाद जो यहां आए, उन्हें जो रूट दिया गया. उन किसानों को दिल्ली के चक्रव्यूह में फंसाया गया. राकेश टिकैत ने कहा कि जिन्होंने उल्टे सीधे ट्रैक्टर घुमाए उनसे हमारा कोई संबंध नहीं है. टिकैत ने कहा कि हिंसा का शब्द हमारी डिक्शनरी में ना है और ना रहेगा. लाल किले में जो कुछ भी हुआ उससे आंदोलन को तोड़ने की साजिश रची गई. प्रशासन अपनी चाल में कामयाब हो गया. जो जत्था वहां पहुंचा था, उन्हें पुलिस बैरिकेडिंग पर नहीं रोका गया. अधिकारियों से बातचीत के बाद उन्हें जाने दिया गया. उनके धार्मिक भावनाओं को भड़काकर एक धार्मिक ध्वज फहराया गया. लाल किले की प्राचीर पर जो गया उसकी तस्वीर किसके साथ है. राकेश टिकैत ने कहा कि यह वैचारिक लड़ाई है. वैचारिक क्रांति है. यह विचार से ही खत्म होगी, लाठी, डंडे से नहीं.
किसान आंदोलन के खिलाफ सड़कों पर उतरे गांव वाले-
दिल्ली के सिंघु बॉर्डर के पास आंदोलन कर रहे किसानों के खिलाफ गांव वालों को गुस्सा फूटा है. यहां गांववालों ने आंदोलन कर रहे किसानों के खिलाफ प्रदर्शन किया और हाइवे खाली करने की मांग की. गांव वालों का कहना है कि लाल किले पर जिस तरह तिरंगे का अपमान हुआ है, वो नहीं सहेंगे. हिंदु सेना संगठन समेत अन्य गांव वालों ने यहां पर हाईवे खाली करने की मांग की.