लखनऊ। अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग महासंघ के तत्वावधान में मण्डल दिवस के अवसर पर मण्डल आयोग की संस्तुतियों के परिप्रेक्ष्य में ओबीसी की जातीय जनगणना विषय पर लखनऊ के प्रेसक्लब में सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि पूर्व आईएएस बी.पी. सिंह ने कहा कि पिछड़ों एवं दलितों का आरक्षण समाप्त करने की साजिश हो रही है।
बी.पी. सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार सरकारी प्रचार माध्यमों से जोर शोर से प्रचार कर रही है कि पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देकर मानों सरकार ने पिछड़ों के लिए सारी सुविधाएं एवं पद दे दिया है। जबकि सच्चाई यह है कि पिछड़ा वर्ग आयोग का बिल वर्षों से संसद में लंबित रहा है। चुनाव के वक्त इस बिल को पास कर सरकार पिछड़ों का वोट लेना चाहती है।
लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रो. विनीत वर्मा ने कहा कि सरकार सामाजिक आर्थिक लाभ की सभी योजनाएं आंकड़ों के आधार पर बनाती है। आंकड़े सही न होने से योजनाएं अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाती। वंचित वर्गों के उत्थान के लिए यह जरूरी है कि जातीय जनगणना कराई जाये।
सेमिनार की अध्यक्षता कर रहे राम चन्द्र पटेल ने कहा कि जाति आधारित जनगणना की मांग हर जनगणना से पहले उठाई जाती है। जाति आधारित जनगणना की मांग देश के तमाम नेता करते रहे हैं।
सेमिनार में मुख्य रूप से अर्जुन देव भारती, सुरेन्द्र प्रजापति, रामब्रज रावत, डा. हरी राम, अरूण पटेल, सुरेन्द्र मौर्य, प्रदीप गंगवार और अमर सिंह पटेल प्रमुख रूप से उपस्थित थे।