नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावो में काम बोलता है के नारे से एक दूसरे का हाथ थामे राहुल गांधी और अखिलेश यादव की जोड़ी अब टूट गई है। लिहाजा यूपी में होने वाले निकाय चुनावों में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी एक साथ चुनाव नहीं लड़ेंगी। ये फैसला दिल्ली में आयोजित कांग्रेस की एक अहम बैठक में लिया गया।
यानि कि हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावो में एक साथ दिखी कांग्रेस और सपा की जुगलबंदी अब एक साथ मैदान में नहीं उतरेगी क्योंकि कांग्रेस ने इन चुनावों में अकेले उतरने का फैसला लिया है। विधानसभा चुनावों में सपा ने 47 सीटे हासिल की थी तो वहीं कांग्रेस महज 7 सीटों पर ही सिमट गई थी।
वहीं अगर यूपी निकाय चुनावों की बात करें तो यूपी में कुल 654 नगर निकायों के 11993 वार्डों के लिए जुलाई में चुनाव होने है। दिल्ली की ही तरह यहां पर भी भाजपा का बीते 10 सालों से कब्जा है। साल 2012 में भाजपा ने 10 शहरों में जीत हासिल की थी। वहीं अगर हाल में दिल्ली में हुए एमसीडी चुनावों की बात की जाए तो भाजपा ने 181 तो वहीं कांग्रेस तीसरे पायदान पर महज 30 सीटों पर ही कब्जा जमाने में कामयाब रही।
(शिप्रा सक्सेना)