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तलाक-ए-बिद्दत विधेयक पारित होने पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, BJP कर रही प्रशंसा

14वीं लोकसभा के मानसून सत्र का आज आखिरी दिन,चर्चा के लिए राज्यसभा में पेश होगा तीन तलाक बिल

नई दिल्ली। भाजपा ने मंगलवार को संसद द्वारा ‘तीन तलाक’ (तलाक-ए-बिद्दत) विधेयक को पारित किए जाने की सराहना की, जबकि कांग्रेस ने कहा कि इसे आपराधिक कृत्य बनाने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि इस प्रथा को उच्चतम न्यायालय ने ‘‘शून्य एवं अमान्य’’ कर दिया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘‘पूरे देश के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है। आज करोड़ों मुस्लिम माताओं-बहनों की जीत हुई है और उन्हें सम्मान से जीने का हक मिला है। सदियों से तीन तलाक की कुप्रथा से पीड़ित मुस्लिम महिलाओं को आज न्याय मिला है। इस ऐतिहासिक मौके पर मैं सभी सांसदों का आभार व्यक्त करता हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘तीन तलाक बिल का पास होना महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम है। तुष्टिकरण के नाम पर देश की करोड़ों माताओं-बहनों को उनके अधिकार से वंचित रखने का पाप किया गया। मुझे इस बात का गर्व है कि मुस्लिम महिलाओं को उनका हक देने का गौरव हमारी सरकार को प्राप्त हुआ है।’’

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा यह विधेयक मुस्लिम महिलाओं की गरिमा को सुनिश्चित करने और उसे अक्षुण्ण रखने के लिए उठाया गया एक ऐतिहासिक कदम है। यह मुस्लिम महिलाओं के जीवन में आशा और सम्मान का एक नया युग लाएगा।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ‘‘ हमने बुनियादी तौर पर इस विधेयक का समर्थन किया था। हम इसमें संशोधन चाहते थे ताकि मुस्लिम महिलाओं को सहयोग मिल सके। हमारा विरोध दो-तीन मुद्दों पर था।’’ उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने तीन तलाक को ‘‘शून्य एवं अमान्य’ कर दिया है, ऐसे में इसे फौजदारी का मामला बनाने की क्या जरूरत है।

गौरतलब है कि संसद ने मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक देने की प्रथा पर रोक लगाने के प्रावधान वाले एक ऐतिहासिक विधेयक को मंगलवार को मंजूरी दे दी। विधेयक में तीन तलाक का अपराध सिद्ध होने पर पति को तीन साल तक की जेल का प्रावधान किया गया है। मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक को राज्यसभा ने 84 के मुकाबले 99 मतों से पारित कर दिया। लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है।

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट किया, ‘‘मुस्लिम महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए ऐतिहासिक दिन, जब लोक सभा के बाद आज राज्य सभा में भी तीन तलाक़ क़ानून को मंज़ूरी मिल गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुस्लिम महिलाओं को किया वादा निभाया और उनको तलाक़-तलाक़-तलाक़ से मुक्ति दिलाई।’’

विधेयक का विरोध करने के लिए कांग्रेस की आलोचना करते हुए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि पार्टी ने पूर्व में की गयी भूल को फिर से दोहराया है । उन्होंने कहा , ‘‘ समय आने पर लोग कांग्रेस को दंडित करेंगे।’’पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट किया, ‘‘तीन तलाक़ से सम्बंधित क्रान्तिकारी विधेयक को पारित करवाने के लिए प्रधान मंत्री जी तथा उन सभी सांसदों का अभिनन्दन, जिन्होंने इस विधेयक के पक्ष में मतदान किया।’’

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने उच्च सदन में विधेयक पर मतदान के दौरान अनुपस्थित रहे सदस्यों और पार्टियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह दुखद है कि जिन्होंने दावा किया था कि वो विधेयक का विरोध करेंगे और इसके खिलाफ वोट करेंगे वो सदन में मौजूद नहीं थे। राज्यसभा में बीजद के समर्थन तथा सत्तारूढ़ राजग के घटक जद(यू) एवं अन्नाद्रमुक के वाक आउट के चलते सरकार उच्च सदन में इस विवादास्पद विधेयक को पारित कराने में सफल रही। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजबब्बर ने विधेयक पारित किए जाने को ‘‘ऐतहासिक भूल’’ बताया। उन्होंने विधेयक पारित किए जाने को देश में परिवार कानूनों के लिए बड़ा झटका बताया।

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को कहा कि तीन तलाक विधेयक को 2014 में भाजपा नीत राजग(एनडीए) सरकार के सत्ता में आने के बाद से ‘मुस्लिम अस्मिता’ पर हुए कई हमलों के महज एक हिस्से के रूप में देखा जाना चाहिए। ओवैसी ने आरोप लगाया कि विधेयक मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ है तथा यह उन्हें और अधिक हाशिए पर धकेलेगा। तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट किया कि संसद का मजाक बनाना जारी है । दोनों सदनों ने इस सत्र में 18 विधेयक पारित किए हैं और उसे कानून बनाया है। केवल एक की जांच संसदीय समिति ने की है।

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