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विकास दुबे को क्या बचा रहे खादी और खाकी? दुबे की गिरफ्तारी का जानिए पूरा सच..

vikas 1 1 विकास दुबे को क्या बचा रहे खादी और खाकी? दुबे की गिरफ्तारी का जानिए पूरा सच..

कानपुर में पुलिस वालों को मौत के घाट उतारकर एक हफ्ते से एक राज्य से दूसरे राज्य घूम रहे विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन मंदिर के बाहर से गिरफ्तार कर लिया गया है। लेकिन विकास दुबे की गिरफ्तारी कुछ ऐसे हुई जिसकी वजह से विपक्ष ने सरकार को सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है। तो वहीं कुछ ऐसे सवाल भी उठ रहे हैं जो आपका सिर घूमा देंगे।

वजह यह कि जितने आराम से उसकी महाकाल मंदिर से गिरफ्तार हुई, वह कई सवाल खड़े कर रही है। छह दिन तक वह चार राज्यों में घूमता रहा। इस दौरान 1250 किलोमीटर का सफर उसने बाइक, ट्रक, कार और ऑटो से तय किया। यूपी पुलिस के 100 जवान उसकी तलाश में थे, लेकिन वह गिरफ्त से दूर रहा। उसे आखिरकार महाकाल मंदिर के गार्ड ने पहचाना और निहत्थे सिपाहियों ने पकड़ लिया।
तो वहीं, कानपुर शूटआउट में मारे गए डीएसपी देवेंद्र मिश्रा के परिजन ने बड़ा आरोप लगाया है। रिश्तेदार कमलकांत ने कहा कि विकास दुबे को बचाया गया है। उन्होंने कहा कि इसमें बड़े स्तर पर मिलीभगत हुई है।

vikas 2 1 विकास दुबे को क्या बचा रहे खादी और खाकी? दुबे की गिरफ्तारी का जानिए पूरा सच..
गिरफ्तारी नहीं, सोचा-समझा सरेंडर है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि 8 पुलिसवालों की हत्या का आरोपी गैंगस्टर आराम से वीआईपी दर्शन की पर्ची कटवाकर महाकाल मंदिर में दाखिल होता है।पुलिस उसके बाहर निकलने का इंतजार करती है और गेट पर उसे गिरफ्तार कर लेती है। गिरफ्तारी भी लोकल थाने की पुलिस करती है। किसी एसटीएफ, कमांडो या एटीएस की जरूरत नहीं पड़ती।यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह भी यही सवाल उठा रहे हैं कि विकास उज्जैन तक कैसे पहुंचा? वे कहते हैं कि अब विकास से पूछताछ की जाए तो बड़े-बड़े लोगों के नाम सामने आएंगे। इसमें आईएएस, आईपीएस, नेताओं के नाम सामने आ सकते हैं। विकास का उज्जैन में पकड़ा जाना समझ से बाहर है।

विकास दुबे की गिरफ्तारी पर बीजेपी नेता को क्यों घेरल रही कांग्रेस?
विकास की गिरफ्तारी के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। विपक्ष के निशाने पर यूपी और एमपी की पुलिस है। ये तो साफ है कि दुकानदार और निजी सुरक्षाकर्मियों की सूचान पर उसकी गिरफ्तारी हुई है। ऐसे में कांग्रेस के एक ट्वीट से सियासी बवाल मच गया है। कांग्रेस ने विकास की गिरफ्तारी को एमपी के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से जोड़ा है।

एमपी कांग्रेस ने ट्वीट किया है कि एमपी के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा यूपी चुनाव में कानपुर के प्रभारी थे। आगे आप खुद समझदार हैं।
वहीं, पूर्व गृह मंत्री बाला बच्चन ने भी विकास की गिरफ्तारी पर सवाल उठाए हैं। बाला बच्चन ने कहा है कि उसकी गिरफ्तारी संदिग्ध है। इतने दुर्दांत अपराधी को गिरफ्तारी के बाद हथकड़ी नहीं लगाया है। उसे पुलिस आराम से सोफे पर बैठा रही है। साथ ही बेखौफ होकर वह महाकाल मंदिर में घुस जाता है। साथ ही गर्व से कहता है कि मैं कानपुर वाला विकास दुबे हूं। उसके मन में आज भी खौफ नहीं है।

इसके साथ ही विकास दुबे की गिरफ्तारी को लेकर सवाल यह भी है कि क्या विकास के पास कोई गाड़ी थी, जिसके जरिए वह इतने राज्यों की सीमा पार करते हुए मध्यप्रदेश में दाखिल हुआ? फरीदाबाद में फुटेज नजर आने के बाद पुलिस चौकस थी। फिर भी वह 17-18 घंटे का रास्ता तय कर उज्जैन तक कैसे पहुंच गया? हरियाणा, यूपी, एमपी की पुलिस उसका पता नहीं लगा पाई। उसकी पहचान सीधे महाकाल मंदिर के गार्ड ने की।

https://www.bharatkhabar.com/ayushman-back-on-shoot/
इन सभी तथ्यों को उठाते हुए विपक्ष यूपी और मध्य प्रदेश की सरकारों पर हावी हो गया है। विकास दुबे की गिरफ्तारी के पीछे सच को जानने के लिए कई तरह से सवाल उठाये जा रहे हैं। जिनका फिलहाल तो कोई जवाब मिलता नहीं दिख रहा है। बेहरहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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