राष्ट्रपति चुनाव आने में अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है। जहां एक तरफ पूरा विपक्ष जहां केंद्र के खिलाफ खड़ा हो रहा है तो वही कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को विपक्ष में शामिल करने पर एतराज जताया है। आम आदमी पार्टी का विपक्ष खेमे में आने का विरोध कांग्रेस का विरोध ऐसे वक्त सामने आया है जब आम आदमी पार्टी के संयोजन और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, सीताराम येचुरी, जेडीयू नेता शरद यादव के साथ मिलकर विपक्ष के खेमे में आने की गुहार लगाई है। आम आदमी पार्टी का विपक्ष खेमे आने का विरोध सिर्फ कांग्रेस ने ही नही बलकि अन्य पार्टियों ने भी की है। कांग्रेस पार्टी के अनुसार इस विरोध का कारण आंदोलन के वक्त आम आदमी पार्टी का कांग्रेस के साथ गलत व्यवहार है, वही कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी पर बीजेपी से बचने के लिए विपक्ष में आने का आरोप लगाया है।
आम आदमी पार्टी के नेताओं और खुद अरविंद केजरीवाल ने विपक्ष के साथ खड़े रहने की इच्छा जताई थी उनका कहना है कि विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार का नाम तय करने और किसानों के हक के लिए लड़ाई करने में वह विपक्ष के साथ आना चाहते हैं। सूत्रों के अनुसार जानकारी है कि सिर्फ कांग्रेस ही नहीं बलकि अन्य पार्टियों ने भी आम आदमी पार्टी का विरक्ष के खेमें में आने का विरोध किया है।
आपको बता दें कि कांग्रेस आम आदमी पार्टी को बीजेपी की टीम बी करार देती है। आम आदमी पार्टी ने आंदोलन के वक्त कांग्रेस पार्टी पर अच्छा बरताव नहीं किया था जिसको देखते हुए कांग्रेस अब अपना बदला ले रही है। वही राष्ट्रपति नाम के उपर विरक्ष में राय बटी हुई है। कुछ पार्टियों का कहना है कि विपक्ष को बीजेपी के पत्ते खुलने का इंतजार करना चाहिए तो वही दूसरी तरफ कुछ पार्टियों का कहना है कि विपक्ष को अपना राष्ट्रपति उम्मीदवार का नाम पहले ही घोषित कर देना चाहिए। सूत्रों के हवाले से खबर है कि आरएसएस और बीजेपी आपसी सहमति से एक ऐसे राष्ट्रपति उम्मीदवार का नाम तय कर सकते हैं जोकि राष्ट्रीय स्वंयसेवक में पूर्ण भरोसा करता हो।