नई दिल्ली। राजस्थान के आखिरी में होने वाले विधानसभा चुनाव से सियासत गरमा गई है। बता दें कि कांग्रेस के अंदर ही सीएम पद को लेकर युध्द छिड़ चुका है। बता दें कि राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत जहां खुद को सीएम पद का उम्मीदवार मान कर रहे हैं तो वहीं, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट भी पीछे नहीं है। राजस्थान के अजमेर और अलवर लोकसभा उपचुनाव में मिली जीत के बाद प्रदेश में इस साल के आखिर में होने वाले चुनाव में बीजेपी को हराने का ख्वाब देख रही कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर अंदर ही अंदर खींचतान चल रही है।
अशोक गहलोत ने खुद को बताया सीएम
हालांकि कांग्रेस की पूरी कोशिश है कि राजस्थान में पार्टी के अंदर खेमेबाजी न होने पाये लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश में कद्दावर नेता अशोक गहलोत को केंद्रीय संगठन में जिम्मेदारी दी है। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उदयपुर में पार्टी की एक बैठक में खुद को मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में पेश कर दिया। गहलोत ने कहा, “राजस्थान के लोग एक चेहरे से परिचित हैं, जो 10 वर्षो तक मुख्यमंत्री रह चुका है.य मुख्यमंत्री के इस चेहरे पर इससे अधिक और क्या स्पष्टीकरण क्या हो सकता है।”
गहलोत का ये बयान ऐसे समय आया है जब आलाकमान धीरे-धीरे सचिन पायलट को आगे चेहरे के तौर पर आगे बढ़ा रहा है। लेकिन अशोक गहलोत के इस बयान से पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री और वयोवृद्ध कांग्रेस नेता लालचंद कटारिया ने भी हाल ही में कहा था कि गहलोत का नाम पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश किया जाना चाहिए।
आपको बता दें कि इसी के साथ कांग्रेस में गठबंधन को लेकर भी रार छिड़ी हुई है। जहां राजस्थान में कांग्रेस गठबंधन नहीं चाहती तो तो वहीं, बीएसपी का कहना है कि गठबंधन होगा तभी सभी राज्यों में नहीं तो किसी में नहीं होगा।