नई दिल्ली। 2021 की शुरुआत होते देशवासियों में एक नए सवेरे की उम्मीद जगी। उम्मीद थी कुछ अच्छा होने की कोरोना काल से मुक्ति पा जाने की। लोगों में एक आश गजी कि अब शायाद पुराने दिन लौट आएं और कोरोना से हो रही मौतों का सिलसिला बंद हो जाए। नए साल को आए 24 घंटे भी नहीं बीते कि सियासत के गलियारों से फिर एक बड़ी खबर आई। खबर यह कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री सरदार बूटा सिंह का आज सुबह निधन हो गया।
दरअसल बूटा सिंह काफी समय से बीमार चल रहे थे और आज सुबह 86 साल के बूटा सिंह ने आखिरी सांस ली। पंजाब के जालंधर के मुस्तफापुर गांव में जन्मे बूटा सिंह 8 बार लोकसभा के सांसद रहें। उनकी पहचान पंजाब के बड़े दलित नेता के तौर पर रही। उनके परिवार में पत्नी, दो बेटे और एक बेटी हैं।
जानें कौन हैं सरदार बूटा सिंह-
आपको बता दें कि सरदार बुटा सिंह राजीव गांधी की सरकार में साल 1986 से 1989 तक केंद्रीय गृह मंत्री रहे। इससे पहले राजीव गांधी की सरकार में ही 1984 से 1986 तक कृषि मंत्री का पदभार संभाला था। इसी के साथ बूटा सिंह 2004 से 2006 तक बिहार के राज्यपाल भी रहे। इन्होंने 2007 से 2010 तक मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला।
पीएम मोदी ने बताया दलितों के कल्याणकारी-
पीएम नरेंद्र मोदी और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बूटा सिंह के निधन पर शोक जताया है। प्रधानमंत्री ने कहा “श्री बूटा सिंह जी गरीबों के कल्याण के साथ-साथ दलितों के कल्याण के लिए एक अनुभवी प्रशासक और प्रभावी आवाज थे। उनके निधन से मैं दुखी हूं। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी संवेदना हैं।”
राहुल गांधी ने बताया जनसेवक-
इसी के साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने ट्वीट कर कहा कि सरदार बूटा सिंह जी के देहांत से देश ने एक सच्चा जनसेवक और निष्ठावान नेता खो दिया है। उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा और जनता की भलाई के लिए समर्पित कर दिया। जिसके लिए उन्हें सदैव याद रखा जाएगा। इस मुश्किल समय में उनके परिवारजनों को मेरी संवेदनाएं।