नई दिल्ली: BSP सुप्रीमो मायावती द्वारा आगामी तीन राज्यों के चुनाव में अकेले लड़ने के फैसले के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने महागठबंधन को खत्म करने का दोष बीएसपी सुप्रीमो पर मढ़ा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी को हराने के लिए दोनों पार्टियों को साथ आना चाहिए था, इसके लिए बीएसपी ने सीटों के उचित बंटवारे की भी बात की थी, लेकिन वह अभी तक संभव नहीं हो सका है।
मायावती ने 50 सीटों की मांग की थी
उन्होंने कहा कि मायावती ने 50 सीटों की मांग की थी। उनकी पार्टी बसपा ने पिछले चुनाव में 2000 से 3000 हजार वोट ही हासिल किए थे। हालांकि बीजेपी को इससे जीत दर्ज करने में मदद मिली थी। इस बार भी अगर भाजपा के खिलाफ कांग्रेस और बसपा का गठबंधन नहीं होता है तो सत्तासीन पार्टी को आसान जीत मिल सकती है।
मायावती ने दिग्विजय सिंह को बीजेपी का एजेंट बताया था
आपको बता दें कि मायावती अब इस महागठबंधन का हिस्सा बनती नजर नहीं आ रही हैं। उन्होंने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को बीजेपी का एजेंट बताया और कहा कि कांग्रेस बीएसपी को खत्म करना चाहती है।
मायावती ने मध्य प्रदेश और राजस्थान के चुनाव में कांग्रेस से गठबंधन से इंकार किया है। बीएसपी छत्तीसगढ़ में पहले ही अजित जोगी की पार्टी से गठबंधन कर चुकी है।
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इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा था कि मायावती पर पीएम मोदी औरर अमित शाह का दवाब है। उन्होंने मायावती और चंद्रशेखर की तुलना करते हुए भीम आर्मी संस्थापक को अधिक मजबूत बताया।