देश के पूर्व राष्ट्रपति और कांग्रेस के दिग्गज वरिष्ठ नेता प्रणब मुखर्जी अगले महीने नागपुर में अंतिम वर्ष के स्वंयसेवकों के लिए होने वाले विदाई समारोह को संबोधित कर सकते हैं। इस खबर से राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ गई है। अभी तक कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और यूपीए प्रजीडेंट सोनिया गांधी ने तो अभी तक इस खबर को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन धीरे-धीरे पार्टी के अन्य नेताओं ने जरूर अपनी राय देना शुरू कर दिया है। हाल ही में कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने अपनी चुप्पी तोड़ी है और इस मुद्दे को लेकर तीखा सवाल किया है।
बता दें कि मुखर्जी को इस कार्यक्रम के लिए राष्ट्रीय स्वंय संवक संघ की तरफ से न्योता दिया गया है, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। उल्लेखनीय है कि प्रणब मुखर्जी लंबे समय तक कांग्रेस के दिग्गज नेता रह चुके हैं। ऐसे में इस खबर ने सभी को हैरान करके रख दिया है।
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने एक टीवी चैनल में कहा कि प्रणव मुखर्जी ने खुद हिंसा में आरएसएस की भूमिका को लेकर बात कही थी और अब वे इस कार्यक्रम में जा रहे हैं, जो कि काफी आश्चर्यजनक है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि संघ के खिलाफ कड़े शब्दों का इस्तेमाल करने वाले प्रणव मुखर्जी को अगर आरएसएस अपने कार्यक्रम में आमंत्रित कर रहा है तो हो सकता है कि संघ का आत्मसम्मान मर गया है या फिर प्रणव मुखर्जी ही बदल गए हैं।
उन्होंने कहा, ‘सांप्रदायिकता में, हिंसा में, घटियापन में आरएसएस की भूमिका को लेकर जो बातें प्रणव मुखर्जी ने कही थी, मुझे पूरा विश्वास है कि संघ को इस बारे में पता होगा। मुखर्जी के हिसाब से आरएसएस से ज्यादा गंदा, घटिया, झूठाष फरेबी, राष्ट्र विरोधी कोई संस्था नहीं है… ये शब्द खुद दादा ने हमसे कहे थे। …तो ऐसे व्यक्ति को जो आरएसएस को जहरीले-गंदे सांप से भी बुरी संस्था मानते हैं और जिनका कहना था कि इस संस्था को इस देश में एक मिनट भी नहीं रहना चाहिए, उस व्यक्ति को अगर आरएसएस बुला रहा है तो क्यों बुला रहा है… क्या प्रणव मुखर्जी साहब ने अपने विचार बदल दिए हैं या आरएसएस में ही कोई स्वाभिमान नहीं बचा है।’
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बता दें कि राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद प्रणब मुखर्जी ने दो बार आरएसएस प्रमुख मोहने भागवत से मुलाकात की थी। इस दौरान भारत के सांस्कृतिक और दार्शनिक मुद्दों को लेकर चर्चा हुई थी।
उल्लेखनीय है कि संघ अपने स्वंयसेवकों को पूर्णकालिक प्रचारक ट्रेनिंग के लिए तीन साल का एक वर्ग रखता है। जिसे अब संघ शिक्षा वर्ग के नाम से जाना जाता है। इस वर्ग में तीन साल के बाद स्वंयसेवक, संघ के पूर्णकालिक प्रचारक बन जाते हैं।
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गौरतलब है कि 82 वर्षिय प्रणब मुखर्जी कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे हैं। वह 1969 से कांग्रेस से जुड़े हैं। मुखर्जी इंदिरा गंधी के विश्वसनीय नेताओं में से एक थे। वे 1982-84 के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री बने। वह कांग्रेस के हमेशा संकटमोचक रहे है। मुखर्जी 2012 से लेकर 2017 तक देश के 13वें राष्ट्रपति रहे।