राजस्थान संकट को लेकर कांग्रेस का सब्र अब जवाब देने लगा है। पार्टी के अंदर पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट के प्रति हमदर्दी रखने वाले नेता
जयपुर। राजस्थान संकट को लेकर कांग्रेस का सब्र अब जवाब देने लगा है। पार्टी के अंदर पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट के प्रति हमदर्दी रखने वाले नेता और कार्यकर्ता भी अब उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे हैं। पार्टी नेताओं का कहना है कि इस मामले में फौरन कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। क्योंकि, भाजपा के साथ उनके संबंध साबित हो चुके हैं।
इस बीच, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जल्द विधानसभा का सत्र बुलाकर सदन के अंदर अपनी सरकार बहुमत साबित कर सकते हैं। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार के पास पूर्ण बहुमत है। भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीबी) के दो विधायकों के समर्थन के बाद सरकार को और मजबूती मिली है। कुछ दिन पहले इन दोनों विधायकों ने कांग्रेस सरकार से समर्थन वापस ले लिया था, पर अब फिर दोनों विधायक कांग्रेस के पाले में आ गए हैं।
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ऐसे में सरकार को बहुमत साबित करने में कोई दिक्कत नहीं है। सरकार के पास पूरा बहुमत है, यह बात गहलोत सदन के अंदर भी दिखाना चाहते हैं। ऐसे में यह सवाल लाजिमी है कि अशोक गहलोत बहुमत साबित कर क्या संदेश देना चाहते हैं। पार्टी के एक नेता ने कहा कि सचिन पायलट समर्थक लगातार तीस विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे हैं।
विधानसभा में बहुमत से सचिन पायलट और समर्थकों का दावा खत्म हो जाएगा। साथ ही सचिन पायलट और उनके समर्थकों को पार्टी की तरफ से व्हिप जारी होने के बाद वोट डालने के लिए आना पड़ेगा। वह ऐसा नहीं करते हैं, तो पार्टी को उनकी सदस्यता रद्द कराने का एक और आधार मिल जाएगा।