नई दिल्ली। आगामी राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस तैयारियों में जुट गई है और कांग्रेस अब संगठन में सोशल इंजीनियरिंग करने की तैयारी कर रही है। सोशल इंजीनियरिंग की प्रक्रिया के तहत ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी में दो कार्यकारी अध्यक्ष बनाने एवं वर्तमान कार्यकारिणी में फेरबदल को लेकर मशक्कत प्रारम्भ हो गई है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी में कार्यकारी अध्यक्ष
बता दे कि कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे और डॉ. सीपी जोशी की ओर से कहा गया है कि राजस्थान चुनाव सचिन पायलट की अगुवाई में चुनाव लड़े जाएंगे। बता दे कि सचिन पायलट पीसीसी के अध्यक्ष है जिसकी वजह से पायलट चुनाव में पार्टी का नेतृत्व करेंगे। बता दे कि दलित वोट बैंक और मीणा समाज के वोटों के लिए कांग्रेस की ओर से एक नेटा दलित समाज के लिए और एक नेता मीणा समाज के लिए एक एक नेता को प्रदेश कांग्रेस कमेटी में कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की तैयारी कर रहा है।
राजस्थान चुनाव-तेज हुई राजनीतिक गतिविधियां, एक विधायक कांग्रेस में शामिल
बता दे कि किरोणी लाल मीणा द्रारा भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी के परम्परागत दलित वोट बैंक में भाजपा द्वारा सेंध लगाई गई है। भाजपा से दूर हो रहे राजपूत और ब्राहम्ण मतदाताओं को खुश करने के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी की वर्तमान कार्यकारिणी में बदलाव करते हुए इन दोनों समाजों के नेताओं को अधिक महत्व दिए जाने की रणनीति पार्टी नेतृत्व ने बनाई है।
जानकारी के अनुसार जून के पहले सप्ताह तक दो कार्यकारी अध्यक्ष बनाने के साथ ही नई कार्यकारणी का गठन कर लिया जाएगा। इससे पहले भी दिग्गज नेता नारायण सिंह के अध्यक्ष रहते हुए अल्पसंख्यक मतदाताओं को खुश करने के लिए अबरार अहमद को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था।
डॉ. सीपी जोशी के अध्यक्ष रहते हुए दलित वोट बैंक को साधने के लिहाज से परसराम मोरदिया को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था। इसी प्रकार डॉ. चन्द्रभान के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए राजपूत मतदाताओं और वैश्य वर्ग को खुश करने के लिए गोपाल सिंह ईडवा और जुगल काबरा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था। अब एक बार फिर मीणा और दलित वर्ग के दो कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने पर विचार किया जा रहा है।