कानपुर। कांग्रेस व सपा से हुए गठबंधन के बाद पहले ही राय़बरेली और अमेठी विधानसभा सीट के लिए पहले ही अंदरूनी संग्राम है। तो अब कांग्रेस की ओर से कानपुर नगर व देहात की तीन सीटों पर दमदारी से ताल ठोंक दी है। तीनों सीटों के लिए संभावित दावेदार दिल्ली में हाईकमान के पास डेरा जमाए हुए है।
कांग्रेस द्वारा सीटों पर दावेदारी ठोकने के बाद एक बार फिर माना जा रहा है कि शिवपाल यादव के समर्थकों पर गाज गिर सकती है। बता दें कि कानपुर नगर व देहात की 14 सीटों पर समाजवादी पार्टी ने उम्मीदवार मैदान में उतार दिया है। कांग्रेस से गठबंधन होने के चलते कुछ उम्मीदवारों के नाम वापस लेना तय है। कांग्रेस ने पहले तो 8 सीटों पर दावा ठोक रही थी लेकिन नामांन प्रक्रिया शुरू होते ही गठबंधन के समीकरण को देखते हुए तीन सीटों पर ही मजबूती के साथ चुनाव लड़ने का मन बना लिया है। वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व सांसद राजाराम का कहना है कि कांग्रेस कानपुर नगर व देहात की उन तीन सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है जहां पर पिछली बार वोट का प्रतिशत बेहतर रहा है।
पिछले चुनावों की बात करें तो कानपुर देहात की एक सीट पर व कानपुर की दो सीटों पर सपा प्रत्याशी कमजोर रहा है। वहां पर कांग्रेस की स्थित अच्छी है ऐसे में अब सपा कांग्रेस को ही सीट देना चाहती है। कहा कि इस बार कांग्रेस सपा गठबंधन कानपुर नगर व देहात की सभी सीटों पर जीत दर्ज करने जा रहा है।
यह होगीं सीटें
सपा कांग्रेस से गठबंधन के बाद कानपुर नगर की किदवई नगर, महाराजपुर व देहात की सिकंदरा सीट कांग्रेस के खाते में जा सकती है। बताते चलें कि किदवई नगर से कांग्रेस के सिटिंग विधायक अजय कपूर है। महाराजपुर व सिकंदरा से पिछले चुनाव में सपा को हार मिली थी। इसके साथ ही महाराजपुर से सपा के घोषित प्रत्याशी अरूणा तोमर, किदवई नगर से ओमप्रकाश व सिकंदरा से सीमा सचान है। यह सभी शिवपाल यादव के समर्थक माने जाते है। ऐसे अगर इन सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ती है तो यह तय है कि एक बार फिर शिवपाल समर्थकों पर गाज गिरेगी।