नई दिल्ली । भारतीय राजनीति में शायद ही किसी राजनैतिक पार्टी ने कांग्रेस पार्टी से सुनहरा दौर देखा हो। एक वक्त में भारतीय राजनीति में एकक्षत्र राज करने वाली पार्टी आज शायद अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। बीते कुछ सालों में कांग्रेस पार्टी लगातार बुरा प्रदर्शन कर रही है। चुनाव चाहे लोकसभा का हो या फिर विधानसभा का कांग्रेस हर मुमकिन कोशिश करने के बाद भी राजनैतिक स्तर पर अपना मुकाम खोती नजर आ रही है। कांग्रेस के लिए और भी चिंता का सबब निकाय चुनावों में मिली करारी हार है।
अपनी राजनीतिक स्थिती सुधारने की कोशिश में कांग्रेस ने संगठन में बड़े बदलाव किए हैं। कई राज्यों के प्रभारी बदले गए, नए चेहरों को मौका दिया गया और ध्यान देने वाली बात ये रही की ज्यादातर चेहरे 50 साल की उम्र के नीचे हैं। पार्टी प्रवक्ता रणदीप सूरजेवाला ने प्रेस कांफ्रेंस कर के यह जानकारी दी।
बदलावों के तहत अविनाश पांडेय को राजस्थान का प्रभारी बनाया गया है। इसके साथ ही पंजाब की जिम्मेदारी सुनील जाखड़ के हाथों सौंपी गई है। प्रीतम सिंह को उत्तराखंड भेजा गया है जबकि विवेक तंखा को पार्टी के कानूनी और मनवाधिकार सेल का चेयरमैन बनाया गया है।
खास बात यह है कि जिन 17 लोगों को प्रभार दिए गए हैं उनमें से 10 लोग 50 साल से कम उम्र के हैं। इस बात से अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि कांग्रेस मोदी की तर्ज पर युवाओं को मौका देना चाहती है।
अनुसूचित जातियों से भी नए चेहरों को मौका दिया गया है। इनमें वर्षा गायकवाड और तरुण कुमार मुख्य हैं। ऐसा माना जा रहा है कि संगठन में बदलाव के लिए मांग काफी समय से उठ रही है। इन सभी बदलावों और नए चेहरों को मौका देने की कांग्रेस की रणनीति के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि बदले हुए चेहरों से अपनी तकदीर बदलने की कांग्रेस की उम्मीद उसके कितने काम आती है।