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अशोक गहलोत पर हार का दारोमदार, मंत्री का इस्तीफा बन रहा चर्चा का विषय

ashok gahlot अशोक गहलोत पर हार का दारोमदार, मंत्री का इस्तीफा बन रहा चर्चा का विषय

एजेंसी, नई दिल्ली। राहुल गांधी ने शनिवार को कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम का जिक्र किया था। उन्होंने पार्टी के उन वरिष्ठ नेताओं का नाम लिया था जिन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी के हित से ऊपर अपने बेटों का हित रखा। राजस्थान के दो कैबिनेट मंत्रियों ने कांग्रेस अध्यक्ष के पक्ष में बात करते हुए राज्य में आत्मनिरीक्षण और जवाबदेही तय करने की मांग की है।
सहकारिता मंत्री उदयलाल अंजना का कहना है कि राज्य में ऐसी चर्चा है कि यदि मुख्यमंत्री गहलोत स्वतंत्र होते तो वह दूसरे निर्वाचन क्षेत्रों में ज्यादा काम कर सकते थे। खाद्य और नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले के मंत्री रमेश चंद मीणा का कहना है कि हार को हल्के में नहीं लेना चाहिए। 2014 की तरह कांग्रेस राज्य में अपना खाता खोलने में नाकाम रही है। भाजपा के खाते में राजस्थान की 24 सीटें जबकि उसकी गठबंधन पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हिस्से में एक सीट आई है।
जानकारी के अनुसार शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि अशोक गहलोत और कमलनाथ ने पार्टी के हित से ऊपर बेटों का हित रखा। उन्होंने इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिंदबरम का भी नाम लिया। गांधी कार्यसमिति की बैठक में कहा कि गहलोत ने बाकी राज्य की उपेक्षा करते हुए अपने बेटे के चुनाव प्रचार के लिए जोधपुर में एक हफ्ता बिताया। मुख्यमंत्री के बेटे वैभव गहलोत 2।7 लाख वोटों से हार गए। यहां से भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को जीत मिली है।
मीणा ने कहा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष ने जो कहा वह बिलकुल सही है। राहुलजी ने जो कहा है, उस पर आत्मनिरीक्षण होना चाहिए। इसपर विचार-विमर्श और विश्लेषण होना चाहिए। इतनी बड़ी हार के कारणों पर पार्टी को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। उन्होंने जो कहा वह व्यर्थ नहीं जाना चाहिए। ताकि भविष्य में पार्टी को इतनी बुरी हार का सामना न करना पड़े।’
वहीं अंजना का कहना है, ‘जब राहुलजी नाराज हैं और उन्होंने अपने इस्तीफे की पेशकश की है तो अन्य वरिष्ठ नेताओं को कम से कम चिंतन करना चाहिए।’ इसी बीच रविवार को कृषि मंत्री लालचंद कटारिया का इस्तीफा सामने आया। सोशल मीडिया पर उनके हस्ताक्षर वाला इस्तीफा वायरल हो गया। हालांकि इसकी पुष्टि न तो मुख्यमंत्री गहलोत ने और न ही राज्यपाल ने की है।

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