भुवनेश्वर। वरिष्ठ भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को कहा कि पिछले आम चुनाव में वंशवाद की राजनीति नकार दी गई लेकिन कांग्रेस ने इससे कोई सीख नहीं ली और वह अब भी चाहती है कि पार्टी का नेतृत्व राहुल गांधी और सोनिया गांधी करें।
चौहान ने कहा कि भाजपा ने एक मिसाल कायम की क्योंकि उसके नेता स्वाभाविक रूप से पार्टी में उभरे जबकि कांग्रेस एक परिवार से आगे नहीं बढ़ पायी। भाजपा उपाध्यक्ष ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘मैंने सोचा कि कांग्रेस चुनावी नतीजों से सीखेगी लेकिन वह अब भी एक परिवार पर ही निर्भर है। यह हैरानी भरा है कि सीडब्ल्यूसी अब भी चाहती है कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी पार्टी का नेतृत्व करें।’’
गौरतलब है कि कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने शनिवार को सोनिया गांधी को पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया। जब तक एआईसीसी स्थायी अध्यक्ष का चुनाव नहीं कर लेती तब तक सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष रहेंगी। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वंशवाद, परिवार और जाति की राजनीति से चल रही पार्टियों को आम चुनावों में उत्तर प्रदेश और बिहार समेत हर जगह हार मिलीं।
उन्होंने कहा कि लोगों ने पश्चिम बंगाल में भी तुष्टिकरण की राजनीति को नकार दिया और भाजपा के राष्ट्रवाद और विकास के एजेंडे को चुना। चौहान ने कहा कि ऐसा लगता है कि कांग्रेस योग्य, सक्षम और प्रतिभावान नेताओं की कमी का सामना कर रही है। अगर वह लोकतांत्रिक तरीके से नेता नहीं चुन पाती तो पार्टी को कोई भी नहीं बचा सकता। राहुल गांधी को ‘‘रणछोड़’’ (जंग के मैदान से भागने वाला व्यक्ति) बताते हुए भाजपा नेता ने कहा कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद उन्होंने एक पलायनवादी की तरह व्यवहार किया।
उल्लेखनीय है कि गांधी ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की शिकस्त के बाद 25 मई को पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि कांग्रेस में कोई भी पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव को याद नहीं करता क्योंकि वह गांधी परिवार से ताल्लुक नहीं रखते थे। उन्होंने यह भी दावा किया कि मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाया गया लेकिन सोनिया और राहुल गांधी की ‘‘मां-बेटे की जोड़ी’’ ने सबकुछ अपने नियंत्रण में रखा।