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जानिए: प्रोटेम स्पीकर के तौर पर केजी बोपैया को चुने जाने पर कांग्रेस क्यों है नाराज

kg bopaiha जानिए: प्रोटेम स्पीकर के तौर पर केजी बोपैया को चुने जाने पर कांग्रेस क्यों है नाराज

नई दिल्ली। कर्नाटक में नवनिर्वाचित बीएस येदियुरप्पा सरकार को अब अपना बहुमत शनिवार को साबित करना है। ऐसे में स्पीकर के तौर पर बीजेपी के नवगठित विधानसभा के संचालन हेतु अस्थायी (प्रोटेम) केजी बोपैया को चुना गया है। केजी बोपैया को राज्यपाल वजुभाई वाला ने चुना है। राज्यपाल ने उन्हे शपथ भी दिला दी। राज्यपाल ने शनिवार की सुबह 11 बज सत्र भी बुलाया है। शाम चार बजे से पहले नई सरकार को बहुमत हासिल करना है।

 

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प्रोटेम स्पीकर के लिए दो विधायकों के दिए गए थे नाम

बता दें कि इससे पहले कर्नाटक में स्पीकर को लेकर खबर आई थी कि विधानसभा के सचिव ने दो विधायकों को नाम दिए हैं।
इनमें एक उमेश कट्टी और दूसरा आरवी देशपांडे का नाम शामिल था। ये नाम संसदीय कार्य विभाग को भेजा गए थे। उमेश कट्टी बीजेपी के विधायक हैं और आरवी देशपांडे कांग्रेस के विधायक हैं। दोनों अपनी-अपनी पार्टियों के वरिष्ठ विधायक हैं।

वहीं कांग्रेस प्रोटेम स्पीकर को लेकर सवाल उठाएं हैं। अभिषेक मनु सिंघवी का कहना है कि उन्हें बोपैया प्रोटेम स्पीकर के रूप में अस्वीकार हैं। हम इस पर जल्द हा कोई एक्शन लेंगे। हमें जानकारी मिली थी कि देशपांडे सबसे वरिष्ठ विधायक हैं। हमारे पास सभी विकल्प खुले हुए हैं। दूसरी ओर, इस मामले पर जेडीएस सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी में है। हालांकि प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति को लेकर कोई तय नियम नहीं है, लेकिन परंपरा का निर्वाह किया जाना चाहिए थे। कांग्रेस के देशमुख हैं 8 बार के विधायक हैं और उन्हें प्रोटेम स्पीकर चुना जाना चाहिए था।

साथ ही बीजेपी विधायक रेणुकाचार्य ने कहा कि हम शनिवार को विश्वास मत जरुर हासिल करेंगे। हालांकि उन्होंने राज्यपाल की ओर से बोपैया को प्रोटेम स्पीकर चुने जाने पर कुछ नहीं कहा।
बोपैया का पूरा नाम है कोम्बारना गणपति बोपैया और वह चौथी बार विधायक चुने गए हैं। वह पहले भी प्रोटेम स्पीकर रहे हैं। वह 2008 से 2013 के बीच स्पीकर भी रहे हैं। वह विराजपेट विधानसभा क्षेत्र से लगातार 3 बार चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं।
इस बार का चुनाव भी उन्होंने इसी सीट से जीता है। बोपैया इससे पहले भी विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रहे हैं। 2009 में वह 4 दिन के लिए प्रोटेम स्पीकर रहे और इस दौरान बीजेपी ने बहुमत हासिल किया था। बोपैया का संघ परिवार से गहरा नाता रहा है और स्कूली दिनों से इससे जुड़े रहे हैं। वह छात्र संगठन एबीवीपी से भी जुड़े रहे।

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