नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव महज कुछ महीने बाद ही हैं। ऐसे में सभी राजनीतिक दल चुनाव की तैयारियों में जुट गए है। साथ ही अपनी-अपनी सियासी जमीन भी तलाशने लगे हैं। वहीं एक दूसरे के ऊपर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरु हो चुका है। लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 सीटों में से कांग्रेस और एनसीपी 20-20 सीटों पर लड़ने को राजी हो गई हैं।
20-20 सीटों पर लड़ने का फैसला
जबकि आठ सीटें सहयोगी दलों के नेताओं के लिए छोड़ी गई हैं। दो-तीन सीटें ऐसी भी हैं, जहां दोनों दल उन पर अपना दावा जता रहे हैं। कांग्रेस-एनसीपी नेताओं के बीच कई दौर की वार्ता के बाद दोनों ने 20-20 सीटों पर लड़ने का फैसला किया।
2014 में कांग्रेस 26 सीटों पर लड़ी थी चुनाव
2014 में कांग्रेस 26 सीटों पर लड़ी थी और उसके दो सांसद जीतकर आए थे, जबकि एनसीपी ने 21 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और उसे पांच पर जीत मिली। सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस अमरावती और थाने संसदीय सीटों पर भी अपना दावा जता रही है। ये दोनों सीट अभी शिवसेना के पास हैं।
भाजपा से अलग हुए निर्दलीय सांसद राजू शेट्टी का कहना है कि महागठबंधन को लेकर अभी कांग्रेस-एनसीपी ने अन्य नेताओं से बात नहीं की है। उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि कांग्रेस-एनसीपी के बीच सीटों को लेकर कोई तालमेल हुआ है। आपको बता दें कि आज कांग्रेस को यूपी से बड़ा झटका लगा है दरअसल मायावती और अखिलेश यादव ने यूपी में लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारा कर लिया है जिसमें कांग्रेस के लिए महज दो सीटें ही छोडीं है. अब देखने वाली बात यह है कि कांग्रेस क्या माया-अखिलेश के इस बंटवारे को मानेगी या नहीं.