नई दिल्ली: तीन तलाक बीते कुछ महीनों से देश की राजनीति का एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। हाल ही में तीन तलाक बिल लोकसभा से पास हुआ है। और अब इस बिल को राज्यसभा से पास हो पाता है या नहीं यह सब देखने वाली बात होगी। सदन में सांसदों की उपस्थिति को लेकर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ने व्हिप जारी किया है।
31 दिसंबर को सदन में उपस्थित रहेंगे नेता
कांग्रेस ने लोकसभा और राज्य सभा के अपने सभी सांसदों को 31 दिसंबर को सदन में उपस्थित रहने के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है। बता दें कि सोमवार 31 दिसंबर को राज्यसभा में तीन तलाक मुद्दे पर बहस हो सकती है जिसके मद्देनजर पार्टी ने ये व्हिप जारी किया है। ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस नहीं चाहती कि उसके सांसद तीन तलाक मुद्दे पर मामले में पार्टी के खिलाफ जाएं।
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वहीं लोकसभा में तीन तलाक बिल पास होने के बाद भाजपा राज्यसभा में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। इसलिए पार्टी ने एकबार फिर से सांसदों के सदन में उपस्थित रहने को लेकर व्हिप जारी किया है। पार्टी ने व्हिप जारी कर सभी सांसदों को राज्यसभा में उपस्थित रहने को कहा है। भाजपा ने कितनी लाइन का व्हिप जारी किया है इसकी जानकारी नहीं मिल सकी है।
क्या होता है व्हिप
व्हिप का उल्लंघन दल बदल विरोधी अधिनियम के तहत माना जा सकता है और सदस्यता रद्द कर दी जा सकती है। व्हिप तीन तरह का होता है- एक लाइन का व्हिप। दो और तीन लाइन का व्हिप।
इन तीनों मे तीन लाइन का व्हिप महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे कठोर कहा जाता है। इसका इस्तेमाल अविश्वास प्रस्ताव जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे के लिए किया जाता है तथा उल्लंघन के बाद सदस्य की सदस्यता समाप्त हो जाती है।
हालांकि व्हिप को लोकतंत्र की मान्यताओं के अनुकूल नहीं माना जाता है, क्योंकि इसमें सदस्यों को अपनी इच्छा से नहीं, बल्कि पार्टी की इच्छा के अनुसार कार्य करना होता है जो लोकतंत्र की भावनाओं के विरुद्ध है।