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सबसे खराब दौर से गुजर रही कांग्रेस, बेहतर नेतृत्व की जरुरत: सिब्बल

सिब्बल

कांग्रेस में नेतृत्व की बदलने की मांग को लेकर अभी भी विवाद बना हुआ है। कांग्रेस नेताओ द्वारा लिखी गयी चिट्ठी पर अब तक घमासान जारी हैं। इस बीच कपिल सिब्बल ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के बाद अपने पहले इंटरव्यू में कहा कि ऐसे समय में जब कांग्रेस अपने ऐतिहासिक रूप से सबसे खराब दौर से गुजर रही हैं, ऐसे में पार्टी को एक ऐसे नेतृत्व की आवश्यकता है जो 24 घंटे काम कर सके।

बता दें कि कपिल सिब्बल उन 23 नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने कांग्रेस पार्टी में नेतृत्व बदलने को लेकर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी को चिट्ठी लिखी थी। सोनिया गांधी को 7 अगस्त चिट्ठी लिखी गई थी।

हिन्दुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर लोगों तक यह चिट्ठी पहुंची है तो उन्हें पता चल जाएगा कि यह गांधी परिवार सहित किसी का भी अपमान करने का प्रयास नहीं हैं। वास्तव में हमने अब तक नेतृत्व द्वारा प्रदान की गई सेवाओं की सराहना की हैं।

हमारा इरादा पार्टी को पुनर्जीवित करना-सिब्बल

सिब्बल ने कहा कि हमारा इरादा पार्टी को पुनर्जीवित करना हैं। हम इसके पुनरुद्धार कर भागीदार बनना चाहते है। यह पार्टी संविधान और कांग्रेस की विरासत के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है। और पूर्ण विश्वास है कि कांग्रेस को एक ऐसी सरकार का विरोध करने के लिए एक-दूसरों का सहयोग करने आवश्यकता है, जिसने देश की उस बुनियाद को बर्बाद किया है, जिस पर भारतीय गणतंत्र बना हैं।

सबसे खराब दौर में कांग्रेस-सिब्बल

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ऐतिहासिक रूप से अपने सबसे खराब दौर से गुजर रही है और 2014 और 2019 के चुनाव परिणाम यह बताते हैं। कांग्रेस के 23 नेताओं द्वारा लिखी इस चिट्ठी पर कांग्रेस वर्किंग कमेटी में घमासान देखने को मिला हैं। सोमवार को करीब सात घंटे की मैराथम मीटिंग में चिट्ठी पर हस्ताक्षर करने वाले नेताओं की खूब आलोचना हुई और चर्चा चिट्ठी की टाइमिंग और इसके लीक होने पर रही। चिट्ठी लिखने वाले 23 नेताओं में से चार, गुलाम नबी आजाद, मुकुल वासनिक, आनंद शर्मा और जितिन प्रसाद सीडब्ल्यूसी के सदस्य हैं। पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले अन्य वरिष्ठ नेताओं में कपिल सिब्बल, शशि थरूर, मनीष तिवारी, भूपिंदर सिंह हुड्डा और पृथ्वीराज चव्हाण भी शामिल हैं।

कांग्रेस को मजबूत करने के लिए चिट्ठी- सिब्बल

कपिल सिब्बल ने कहा कि मुझे लगता है कि इस चिट्ठी को सबके पास सर्कुलेट किया जाता तो सीडब्ल्यूसी की बैठक में मौजूद सभी महसूस कर पाते कि चिट्ठी कांग्रेस को मजबूत और पुनर्जीवित करने के बारे में हैं।

उन्होंने कहा कि पार्टी संविधान के मद्देनजर संगठन की कुछ चीजों को फिर से स्थापित करने की जरूरत है। मुझे पार्टी और इसके संविधान का थोड़ा ज्ञान हैं। पार्टी के संविधान के हिसाब से कई ऐसी चीजें लाए जाने की जरूरत है जो कि अभी तक यहां नहीं हैं।

जितिन प्रसाद के विरोध से दुखी- सिब्बल

सिब्बल ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि जितिन प्रसाद को बुधवार को उत्तर प्रदेश में एक कांग्रेस जिला समिति द्वारा टारगेट किया गया क्योकि उन्होंने पत्र पर हस्ताक्षर किये इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई चाहते थे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह या तो चाटुकारों द्वारा किया गया हमला है या उन लोगों का मनोबल गिराने का प्रयास है, जिनकी अंतरात्मा ने उन्हें बोलने दिया। यह गंभीर चिंता का विषय है क्योंकि यहां ऑडियो और वीडियो हैं, जो साबित करते हैं कि जितिन प्रसाद को किसी उच्च पद पर बैठे शख्स के इशारे पर टारगेट किया गया था।’ हालांकि, वो इस पर विस्तार से कुछ नहीं बोले।

हम दिल से कांग्रेसी हैं- सिब्बल

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें भी निशाना बनाए जाने की आशंका है तो सिब्बल ने कहा कि हमें कोई डर नहीं हैं। हम दिल से कांग्रेसी हैं और हम बिना किसी डर के कांग्रेसी बने रहेंगे। सिब्बल ने कहा मैं और बीजेपी उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव हैं। हम कांग्रेस की विचारधारा के पक्षधर हैं और मौजूदा व्यवस्था (केंद्र में) का डटकर विरोध करते है।

कांग्रेस कांग्रेस के लिए चुनाव हो- आजाद

बता दें कि कांग्रेस पार्टी जनवरी में होने वाली अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक में अपने नए अध्यक्ष का चुनाव करेंगी। वहीं, एएनआई को दिए एक साक्षात्कार में गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस के अगले अध्यक्ष नियुक्त करने के बजाय चुनाव कराने पर जोर दिया हैं।

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