नई दिल्ली। अभी एक दिन ही हुआ है गुजरात विधानसभा के चुनाव प्रचार को खत्म हुए। इस प्रचार के दौरान बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं ने एक दूसरे पर हमला बोलने के लिए शब्दों की सारी मर्यदाएं पार कर दी, खुद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पीएम मोदी ने भी एक दूसरे पर जमकर हमला बोला। लेकिन आज संसद के बाहर एक अलग ही नजारा देखने को मिला। कल तक एक दूसरे को गाली देने वाले दोनों पार्टियों के नेता संसद हमले की 16वीं बरसी के मौके पर एकजुट दिखे। संसद पर हमले की 16वीं बरसी पर शहदत देने वाले जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक साथ जुटे, जोकि भारत के मजबूत लोकतंत्र को दिखाता है।
आपको बता दें कि आज से 16 साल पहले 13 दिसंबर 2001 को आतंकियों ने लोकतंत्र के मंदिर को निशाना बनाया था। इस हमले की 16 बरसी के मौके पर पीएम मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ,पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, सोनिया गांधी,बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण अडवाणी, सुषमा स्वराज समेत सत्ता और विपक्ष के कई बड़े नेता भारतीय जवानों की शहदत को सम्मान देने के लिए एक साथ खड़े नजर आए। गौरतलब है कि 2001 में संसद पर हुए आतंकी हमलें में दिल्ली पुलिस के 5 जवान,सीआरपीएफ कि एक महिला अधिकारी, संसद के 2 सुरक्षाकर्मी और एक माली शहीद हो गए थे।
इस हमले को लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने संसद में विस्फोट कर सांसदों को बंधक बनाने की साजिश रची थी। लेकिन हमारे देश के बहादूर जवानों ने अपनी जान की बाजी लगाकर आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया था। बताते चलें कि जिस दौरान संसद पर हमला हुआ उस समय शीतकालीन सत्र चल रहा था और देश के जनप्रतिनिधि संसद में ही मौजूद थे। बाद में इस हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरु को फांसी की सजा सुनाई गई थी। अफजल गुरु को 9 फरवरी 2013 को तिहाड़ जेल में फांसी पर लटका दिया गया था।