उपभोक्ता मंत्रालय के विभाग द्वारा शुरू की गई राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर उत्पादों की खराब गुणवत्ता, नकली उत्पादों, आदि के बारे में विभिन्न शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। आपको बता दें कि इस बारे में जानकारी खाद्य, उपभोक्ता मामले और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में राज्यमंत्री सी.आर.चौधरी ने 7 अगस्त को लोकसभा में दी।
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उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के प्रावधानों के तहत त्रिस्तरीय अर्द्ध-न्यायिक व्यवस्था स्थापित की गई है
मालूम हो कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के प्रावधानों के तहत त्रिस्तरीय अर्द्ध-न्यायिक व्यवस्था स्थापित की गई है। जिससे उपभोक्ता विवादों का त्वरित एवं सरलता से निराकरण संभव हो सके।आपको बता दें कि उक्त व्यवस्था के तहत विशिष्ट तरह की राहत देने के साथ-साथ जहां उचित प्रतीत हो वहां उपभोक्ताओं को मुआवजा देने का भी अधिकार दिया गया है।उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 में आदेशों का पालन न होने पर अर्द्ध-न्यायिक निकायों द्वारा जुर्माना लगाने का भी प्रावधान किया गया है।
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विभाग ने 5 जनवरी, 2018 को लोकसभा में उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, 2018 पेश किया है
जब किसी उपभोक्ता फोरम द्वारा किसी शिकायत को जायज ठहराया जाता है। तो वैसी स्थिति में यह प्रतिवादी को संबंधित उत्पाद की कमी दूर करने, संबंधित वस्तु की जगह नए वस्तु देने, उपभोक्ता को पैसा वापस करने, इत्यादि के आदेश दे सकता है। विभाग ने 5 जनवरी, 2018 को लोकसभा में उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, 2018 पेश किया है। जो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 का स्थान लेगा। ई-कॉमर्स में अनुचित व्यापारिक तौर-तरीकों की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा नियम बनाने का प्रावधान इस विधेयक में किया गया है।
महेश कुमार यदुवंशी