नई दिल्ली: बढ़ती चाइल्ड पॉर्नोग्राफी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपनी चिंता जाहिर की है। सुप्रीम कोर्ट ने तीखे स्वर में केंद्र सरकार को लताड़ लगाते हुए कहा है कि जल्द ही इसपर कोई ठोस कदम उठाए सरकार। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जबाव मांगा है कि आखिर क्यों केंद्र सरकार पोर्नोग्राफी को रोकने में कामयाब नहीं हो पा रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश देते हुए कहा है कि सरकार जल्द ही एक हॉटलाइन और एक हेल्पलाइन नंबर जारी करे, जिसके जरिए कोई भी व्यक्ति उपनी पहचान बताए बिना ही वहां पर अपनी शिकायत दर्ज करवा सके।
शिकायतकर्ता को नहीं बतानी होगी पहचान…
सुप्रीम कोर्ट ने सीधे तौर पर केंद्र सरकार से एक हॉटलाइन और एक हेल्पलाइन नंबर जारी करने के लिए कहा है। इस हॉटलाइन पोर्टल पर शिकायतकर्ता अपनी पहचान को गुप्त रख कर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकेंगे।
बताते चलें कि गुरुवार को जस्टिस मदन बी लोकुर और यूयू ललित की बेंच ने कोर्ट द्वारा गठित समिति के सुझाव को भी स्वीकार किया। समिति ने सुझाव में कहा था कि केंद्र को ऑनलाइन सर्च इंजन और सिविल सोसायटी ऑर्गनाइजेशन्स के साथ मिलकर का करना चाहिए और कीवर्ड् जकर उन्हें ब्लॉक करना चाहिए, जिसके चलते लोग उन्हें सर्च ही ना कर सकें।
केंद्र ने समिति द्वारा सुझावों को लागू करने के लिए 11 दिसंबर तक स्टेटस रिपोर्ट को मांगा है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और इंटरनेट जगत के दिग्गजों की तरफ से हांथ खड़े कर देने के बाद ही इस समिति का गठन किया था। इस समिति में गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, याहू और फेसबुक के टॉप टेक्नोक्रेट्स के साथ ही केंद्र का प्रतिनिधित्व भी था।