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बिना भेदभाव के मिले मृतक कार्मिकों के परिवारों को मुआवजा

Er. Harikishor Tiwari बिना भेदभाव के मिले मृतक कार्मिकों के परिवारों को मुआवजा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनावों में ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों की मौतों को लेकर उपजा विवाद अब सुलझता दिखाई दे रहा है। इस बीच राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने सरकार से साफ शब्दों में कह दिया है कि कोरोना की कारण हुई मौतों पर कर्मचारियों के परिवारों को बिना भेदभाव और बिना पेंच फंसाए मुआवजा मिलना चाहिए।

इस संबंध में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष इं हरिकिशोर तिवारी ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कोरोना संक्रमण से मृत्यु का शिकार हुए 518 कार्मिकों की पहली सूची भेजी है। उन्होंने मुख्यमंत्री को भेजी सूची के साथ कोरोना से मृतक कर्मचारियों की संख्या एक हजार से अधिक होने की बात भी कही है।

उन्होंने मांग की है कि बिना भेदभाव के कोरोना ड्यूटी के दौरान और ड्यूटी से लौटने के बाद मृत्यु का शिकार कोरोना कार्मिकों के परिवार को बिना कोई पेंच फंसाए हाईकोर्ट की मंशानुसार एक करोड़ रूपये का मुआवजा तत्काल उपलब्ध कराया जाए।

परिषद के अध्यक्ष इं हरिकिशोर तिवारी और महामंत्री शिवबरन सिंह यादव की तरफ से भेजी गई सूची एवं पत्र के माध्यम से कहा गया है कि परिषद ने पंचायत चुनाव की घोषणा के दरम्यान कोरोना की स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को विभिन्न पत्राचारों के माध्यम से वस्तु स्थिति से अवगत कराते हुए पहले चुनाव, फिर प्रशिक्षण, मतदान और फिर मतगणना को कुछ समय के लिए टालने का आग्रह किया था।

मतगणना के दौरान तेज संक्रमण काल के कारण हम इस मामले को सुप्रीम कोर्ट तक लेकर गए लेकिन सरकार विभिन्न वायदे और विश्वास दिलाकर मतगणना कराने में कामयाब रही। जबकि सरकार की तरफ से कोर्ट में किए गए वायदे और विश्वास का दस फीसदी तक भी पालन नहीं किया गया, जिसके परिणाम स्वरूप ड्यूटी करने वाले सैकड़ों कार्मिक असमय काल के गाल में समा गए।

उन्होंने बताया कि पांच मई से अब तक मौतों का सिलसिला जारी है। उन्होंने बताया कि परिषद से सौ से अधिक संवर्ग के कार्मिक जुड़े हैं। अब तक जनपदों और विभिन्न विभाग से प्राप्त सूचना में 518 कार्मिकों का कोरोना होने की सूचना मिली है। इसकी सूची भेजी जा रही है बाकी जो सूचनाएं एकत्रित की जा रही हैं। उससे अनुमान यह है कि मृतकों की संख्या एक हजार से अधिक होंगीं।

उन्होंने सरकार से मृतक परिजनों को अविलम्ब कोर्ट की मंशानुसार एक करोड़ के मुआवजे की मांग की है। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में मुख्य रूप से सभी मृतक कार्मिकों को कोरोना योद्धा घोषित किए जाने, उच्च न्यायालय की मंशानुसार एक करोड़ मुआवजा, मृतक आश्रितों को योग्यतानुसार नियुक्ति, कोरोना पीड़ित कार्मिकों के इलाज पर खर्च धनराशि की प्रतिपूर्ति सम्बंधित विभाग द्वारा किए जाने, कार्मिकों के परिजनों का टीकाकरण की रेडक्रॉस सोसायटी के माध्यम से विषेष टीकाकरण, कोरोना रोकथाम ड्यूटी करने वाले सभी कार्मिकों एवं परिजनों के लिए दोनों चरण के टीके लिए विशेष अभियान चलाने की मांग की है।

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