जयपुर। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा दौर में राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह की स्वाइन फ्लू को लेकर आई दो रिपोर्टों से हंगामा मच गया है। दरअसल जयपुर के एमएमएस अस्पताल ने उनकी जांच के बाद बताया था कि उन्हें स्वाइन फ्लू है, लेकिन जब वो अपना इलाज कराने दिल्ली के अपोलो अस्पताल पहुंचे तो यहां हुई जांच में सामने आया कि उन्हें स्वाइन फ्लू का रोग नहीं है। दरअसल जयपुर के एमएमएस अस्पताल के स्वाइन फ्लू होने की रिपोर्ट मिलते ही वो बिना किसी देरी के दिल्ली आ गए थे। वहीं दिल्ली में आई उनकी नई रिपोर्ट स्वाइन फ्लू होने के दावे को झूठा साबित कर रही है। अब ऐसे में ये सवाल उठना लाजिमी है कि कौन झूठ बोल रहा है और राज्यपाल को स्वाइन फ्लू जैसी घातक बीमारी है या नहीं?
वहीं दूसरी तरफ दोनों अस्पताल अपनी-अपनी रिपोर्टों को सही बता रहे हैं। हालांकि कल्याण सिंह का अपोलो अस्पताल में इलाज चल रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह को पिछले कुछ दिनों से खांसी आने के साथ-साथ गले में दर्द और सर्दी- जुकाम की शिकायत थी, जिसके चलते उन्हें एमएमएस अस्पताल ले जाया गया जहां की जांच में उन्हें स्वाइन फ्लू होने की बात सामने आई। बताया जा रहा है कि राज्यपाल कल्याण सिंह को स्वाइन फ्लू की पुष्टि होने के बाद चिकित्सा विभाग और राजभवन में हड़ंकप मच गया। सूचना मिलने पर कुछ ही देर बाद स्वास्थ्य मंत्री भी राज्यपाल का हाल लेने के लिए पहुंचे, लेकिन राज्यपाल से स्वास्थ्य मंत्री मुलाकात नहीं हो सकी।
रविवार की देर रात ही राज्यपाल कल्याण सिंह को राजस्थान सरकार के विशेष विमान से दिल्ली ले जाया गया। वहीं, दिल्ली के अपोलो अस्पताल में जांच हुई तो राज्यपाल को स्वाइन फ्लू निगेटिव होने की रिपोर्ट आई।राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह की जांच रिपोर्ट में स्वाइन फ्लू पॉजिटिव बताए जाने और फिर दिल्ली के अस्पताल में नेगेटिव बताए जाने पर सोमवार को विधानसभा में जमकर हंगामा हो चुका है। कांग्रेस विधायक गोविंद डोटासरा ने जब यह मामला उठाया तो संसदीय कार्यमंत्री राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि सदन में उच्चाधिकार प्राप्त व्यक्ति पर टीका टिप्पणी नहीं हो सकती।