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हम सबकी संविधान के प्रति प्रतिबद्धता होनी चाहिए- मुख्यमंत्री

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पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार विधानमंडल विस्तारित भवन के अंतर्गत बिहार विधानमंडल “सेंट्रल हॉल” का उद्घाटन किया।  इस मौके पर ‘भारतीय संविधान में विधायिका की भूमिका’ विषय पर विचार गोष्ठी का भी आयोजन किया गया।  इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत ही खुशी की बात है कि आज सेंट्रल हॉल का विधिवत उद्घाटन हुआ है। वर्ष 2007-08 में बिहार विधानसभा, पुराना सचिवालय को बेहतर ढंग से बनाने की अवधारणा बनायी गई थी। उसके लिए अच्छे कन्सलटेंट से संपर्क किया गया, फिर डी0पी0आर0 तैयार कर विधानमंडल में इसकी रुप रेखा रखी गई।

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26 जनवरी, 2010 को गणतंत्र दिवस की संध्या पर इसका शिलान्यास किया गया था। 19 नवंबर 2016 को इसका उद्घाटन किया गया लेकिन कुछ काम अधूरे रह गए थे, जो आज पूरे तौर पर कार्य पूर्ण होने के उपरांत इसका उद्घाटन हुआ है। इसमें विधानसभा के अध्यक्ष, विधान परिषद के सभापति, मुख्यमंत्री का कक्ष एवं मंत्रियों का चैम्बर बनाया गया है। एक बेहतर लाइब्रेरी का निर्माण किया गया है। पढ़ने की जगह की उचित व्यवस्था की गई है, जो भी सदस्यगण अध्ययन करना चाहेंगे उन्हें काफी सहुलियत होगी। जब हम सांसद थे उस दौरान पार्लियामेंट के सेंट्रल हॉल की अवधारणा मेरे मन में थी उसी के अनुरुप इसे बनाया गया है। इसका फर्निचर भी बिल्कुल वैसा ही मजबूत और सुंदर बनाया गया है। पार्लियामेंट के सेंट्रल हॉल में सांसदगण, पूर्व सांसद आकर बैठते हैं और आपस में दलगत भावना से उठकर एक दूसरे से प्रेम पूर्वक विचार विमर्श करते हैं। संसद में सत्ता पक्ष एवं विपक्ष आपस में कितना भी तकरार कर लें लेकिन सेंट्रल हॉल की खासियत है कि यहां का माहौल सौहार्द्रपूर्ण बना रहता है।

उन्होंने कहा कि हमारी इच्छा है कि बिहार विधानमंडल के सेंट्रल हॉल में भी ऐसा ही वातावरण देखने को मिले। यहां खाने-पीने की व्यवस्था भी रहेगी, ताकि किसी प्रकार की किसी को असुविधा नहीं हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि 11 फरवरी, 2019 को बिहार विधानमंडल के संयुक्त अधिवेशन को सेन्ट्रल हॉल में ही राज्यपाल संबोधित करेंगे। 7 फरवरी 1921 को बिहार विधानमंडल की स्थापना की गई थी उसके 98 वर्ष के बाद आज यह सेंट्रल हॉल बनकर तैयार हो गया है। यह हमलोगों के लिए बहुत ही खुशी की बात है। इसमें जरुरत की सारी सुविधाओं का ध्यान रखा गया है और भी यहां जो कुछ करने की जरुरत होगी उसको किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान ही सबकुछ है उसके अनुपालन से ही देश में सारी चीजें हो रही हैं। संविधान में मौलिक अधिकार, संप्रभुता, नीति निर्देशक तत्व, धर्म निरपेक्षता, फेडरलिज्म जैसी मौलिक चीजों की विस्तृत चर्चा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति निर्देशक तत्वों के प्रावधानों का पालन करने के अंतर्गत ही बिहार में वर्ष 2016 में शराबबंदी लागू की गई। उन्होंने कहा कि संविधान का ढांचा इस तरह से तैयार किया गया है कि देश का फेडरलिज्म स्ट्रक्चर बना रहे। केंद्र को भी अधिकार दिए गए हैं और राज्य को भी अधिकार दिए गए हैं। फेडरलिज्म जितना मजबूत होगा देश उतना ही मजबूत होगा और देश आगे बढ़ेगा। राज्यों की स्वायतता का ख्याल रखा गया है और केंद्र की भी अपनी जिम्मेवारियां हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका इन तीनों के संविधान के हम सबकी संविधान के अंतर्गत अपने-अपने अधिकार एवं कर्तव्य हैं उन्हें अपनी जवाबदेही का निर्वहन करना होता है।

विधायिका को नियम बनाने हैं तो, कार्यपालिका को उसका अनुपालन करना है और न्यायपालिका को कानून की व्याख्या करनी है। अपने-अपने विचार एवं कार्यक्रम के अनुसार राजनीतिक पार्टियां भी देश के लिए काम करती हैं। उन्होंने कहा कि हम सबकी संविधान के प्रति प्रतिबद्धता होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 1917 में शुक्ल जी के अनुरोध पर बापू यहां आए और चंपारण सत्याग्रह के माध्यम से एक व्यापक जन आन्दोलन हुआ, जिसमें लोगों की बड़ी संख्या में भागीदारी हुई। देश में ऐसा वातावरण बना कि 30 वर्ष के अंदर ही वर्ष 1947 में देश आजाद हो गया।

बापू ने पर्यावरण के प्रति भी अपनी चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था कि पृथ्वी हमारी जरुरतों को पूरा करने में सक्षम है, लालच को नहीं। हम सबों को इसके प्रति सोचने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि पहले बिहार में 12 सौ से 15 सौ मिली मीटर तक वर्षापात होती थी। पिछले 13 वर्षों में सिर्फ एक वर्ष रेनफॉल 1000 मिली मीटर था, जबकि औसत रेनफॉल 800 मिली मीटर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बापू ने सात सामाजिक पापों की चर्चा की है जिसमें सिद्धांत के बिना राजनीति, काम के बिना धन, विवेक के बिना सुख, चरित्र के बिना ज्ञान, नैतिकता के बिना व्यापार, मानवता के बिना विज्ञान, त्याग के बिना पूजा की चर्चा की है।

उन्होंने कहा कि हमने सभी सरकारी बिल्डिंगो में बापू के पर्यावरण संबंधी संदेश और सात सामाजिक पापों को अंकित करवा दिया है। विधानसभा अध्यक्ष महोदय से निवेदन है कि इस परिसर में भी इसे अंकित करवा दें, तो बेहतर होगा। 10 प्रतिशत लोग भी अगर इसका अनुपालन करेंगे तो समाज बदल जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सेंट्रल हॉल अच्छा बना है और मेरा ऐसा विश्वास है कि सेंट्रल हॉल में सभी सदस्यगण एवं पूर्व सदस्यगण सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाकर आपस में विचार विमर्श करेंगे।

मुख्यमंत्री का स्वागत भवन निर्माण विभाग के प्रधान सचिव चंचल कुमार ने पुष्पगुच्छ भेंटकर किया। कार्यक्रम के दौरान कॉफी टेबल बुक का लोकार्पण मुख्यमंत्री सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने किया। कार्यक्रम को बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, विधान परिषद के कार्यकारी सभापति हारुण रशीद, भवन निर्माण मंत्री महेश्वर हजारी, संसदीय कार्यमंत्री श्रवण कुमार ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर बिहार सरकार के मंत्रीगण, बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष सदानंद सिंह, बिहार विधान परिषद के पूर्व सभापति अवधेश नारायण सिंह, विधायकगण, विधान पार्षदगण, पूर्व विधायकगण, पूर्व विधान पार्षदगण, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह सहित, अन्य पदाधिकारीगण एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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