नई दिल्ली। भारत के सर्वोच्च न्यायलय में जजों की नियुक्ति के लिए कोलजियम ने जस्टिस केएस जोसेफ और सीनीयर वकील इंदु मल्होत्रा के नाम की सिफारिस की है। इंदु मल्होत्रा के नाम को अगर सरकार हरी झंडी दिखा देती है तो वो देश की पहली ऐसी महिला वकील होंगी जो सीधे सुप्रीम कोर्ट के जज की कुर्सी संभालेंगी और आजाद भारत में वो भारत की सांतवी महिला जज होंगी। फिलहाल आर भानुमति सुप्रीम कोर्ट में एकमात्र महिला जस्टिस हैं। बता दें कि मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जे चल्मेश्वर, मदन लोकुर और कुरियन जोसेफ के चयन मंडल ने शीर्ष अदालत में न्यायाधीश पद के लिए उत्तराखंड हाईकोर्ट के जज केएस जोसेफ और वरिष्ठ वकील इंदु मल्होत्रा के नाम को मंजूरी दे दी है।
जस्टिस जोसेफ की बात करें तो उन्होंने ही साल 2016 में उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने के केंद्र सरकार के फैसले को निरस्त कर दिया था। जस्टिस जोसेफ केरल से आते हैं। अब इन दो नामों पर सरकार को अपना फैसला देना है। इन्हें सरकार की मंजूरी मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट में रिक्तयों की संख्या चार रह जाएगी। अभी जजों के छह पद खाली हैं। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में जज बनने वाली पहली महिला फातिमा बीवी थीं। वे 1989 में जज बनीं थी। इसके बाद जस्टिस सुजाता वी मनोहर, जस्टिस रुमा पाल, जस्टिस ज्ञान सुधा मिश्रा, जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई शीर्ष न्यायालय में पहुंच चुकी हैं।
कोलेजियम ने इसके साथ ही हाईकोर्ट के पांच जजों को स्थायी भी कर दिया है। इनमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस एसके सिंह शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उपरोक्त सभी सिफारिशें सरकार को भेज दी हैं। वहाीं 1956 में बेंगलुरु में जन्मी इंदु मल्होत्रा ने एलएसआर कॉलेज और दिल्ली विश्वविद्यालय के लॉ फैकल्टी से पढ़ाई की है। 1983 में वकालत शुरू करने से पहले वे दिल्ली विश्वविद्यालय के कुछ कॉलेजों में अध्यापन कार्य भी कर चुकी हैं। 30 सालों से सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस कर रही हैं। उनके पिता ओम प्रकाश मल्होत्रा भी सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट थे। उनके भाई और बहन भी वकालत के पेशे में हैं।