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रायपुर में कांग्रेसी मेयर का रास्ता साफ, सीएम बोले इन तीन मापदण्डों पर खरा उतरने वाले को मिलेगी कुर्सी

bhupesh bhegal रायपुर में कांग्रेसी मेयर का रास्ता साफ, सीएम बोले इन तीन मापदण्डों पर खरा उतरने वाले को मिलेगी कुर्सी

रायपुर। रायपुर में कांग्रेस का महापौर लगभग तय है लेकिन वह कौन होगा, यह तय होना बाकी है। इस बीच, सूत्रों का दावा है कि सीएम भूपेश बघेल तथा पार्टी के उच्चस्तर से पार्षदों को यह साफ मैसेज पहुंचा दिया गया है कि जो दावेदार तीन मापदंड पूरा करेगा, उसी का नाम घोषित होगा। इनमें से पहला मापदंड यह है कि मेयर के दावेदार को रायपुर के तीनों कांग्रेस विधायकों का समर्थन जरूरी है।

दूसरा मापदंड यह है कि ज्यादा से ज्यादा कांग्रेस पार्षद संबंधित दावेदार के पक्ष में हों और तीसरा, दावेदार राजनैतिक तथा राजधानी के नगर निगम को चलाने लायक मैच्योर यानी परिपक्व होना चाहिए। उसमें सत्तापक्ष के लोगों के साथ-साथ विपक्ष को साधने का हुनर जरूरी है।

इन मापदंडों को लेकर पार्षद अलग-अलग दावेदारों के नाम फिट कर रहे हैं और इस आधार पर दावेदारी शुरू हो गई है। सूत्रों के अनुसार सीएम बघेल साफ संकेत दे चुके हैं कि इन तीन कसौटियों पर खरा उतरने वाला ही राजधानी का महापौर होगा। जहां तक कांग्रेस के महापौर बनने का सवाल है, पार्टी इस मामले में निश्चिंत है क्योंकि पार्षदों की संख्या बहुमत के छू रही है और दो निर्दलीयों का साफ समर्थन मिल चुका है। हालांकि बाकी 5 निर्दलीयों में से भी अधिकांश वोट कांग्रेस को ही मिलने के दावे किए जा रहे हैं।

दावेदारी पर आज भी चर्चा

प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया, कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम, तीनों विधायक और सभी 34 कांग्रेस पार्षदों की शनिवार को फिर बैठक रखी गई है। सीएम बघेल ने सभी को सुबह 11 बजे अपने पास बुलाया है। पुराने पार्षद तो दावेदारों की थाह समझते हैं, लेकिन जो पहली बार आए हैं, पार्टी उन्हें टटोलना चाह रही है। दावेदारों को लेकर विधायकों सत्यनारायण शर्मा, कुलदीप जुनेजा और विकास उपाध्याय के अपने-अपने नाम हैं। लेकिन विधायकों का भी मानना है कि उनका फैसला भी अनुभव और पकड़ के आधार पर ही होगा।

राजधानी के 7 में अधिकांश निर्दलीय कांग्रेस के साथ

70 वार्डों में से 34 में कांग्रेस और 29 में भाजपा के पार्षद हैं। 7 पार्षद निर्दलीय हैं। बहुमत यानी महापौर तथा सभापति बनाने के लिए 36 पार्षद चाहिए। कांग्रेस के पास 2 और भाजपा के पास 7 पार्षदों की कमी है। रायपुर में भी निर्दलीय ही गेमचेंजर हैं। लेकिन निर्दलीयों को साधने में कांग्रेस काफी आगे निकल गई है। दरअसल 2 निर्दलीय पार्षद कांग्रेस के बागी हैं और पार्टी में उनका लौटना तय है। इन्हें मिलाकर ही कांग्रेस खेमे की ताकत 36 पार्षदों की हो चुकी है। हालांकि गिनती यहां भी खत्म नहीं हुई है। समझा जाता है कि बचे हुए 5 निर्दलीय भले ही भाजपा माइंडेड हैं, लेकिन इनमें से भी 3 कांग्रेस के पक्ष में आ गए हैं और पार्टी के आला नेता इनसे मिल चुके हैं।

सूत्रों के मुताबिक इस समीकरण के हिसाब से रायपुर में महापौर के कांग्रेस उम्मीदवार को 39 के आसपास वोट मिल सकते हैं। हालांकि भाजपा का भी दावा है कि सभी 7 निर्दलीय उनके साथ हैं और वे बहुमत के जादुई आंकड़े पर पहुंच चुके हैं।

चैंबरों का रंगरोगन शुरू

2011 में निगम मुख्यालय वाइट हाउस को लोकार्पण किया गया। तब निगम में डा. किरणमयी नायक मेयर थीं। किरणमयी नायक के बाद प्रमोद दुबे के महापौर बनने पर वाइट हाउस में कुछ खास बदलाव नहीं किया गया। अब 9 साल बाद मेयर, सभापति और नेता प्रतिपक्ष के कमरे का लुक बदला जा रहा है। महापौर परिषद के सदस्यों के कमरे का भी रंग-रोगन किया जा रहा है।

समितियां भी 6 को ही

6 जनवरी को निगम मुख्यालय में महापौर, सभापति और अपील समिति का गठन किया जाएगा। सुबह 10.30 बजे से प्रक्रिया शुरू होगी। पहले सभी पार्षदों का शपथ-ग्रहण होगा। इसके बाद नामांकन की प्रक्रिया और शाम तक महापौर के लिए वोटिंग होगी। इसके बाद महापौर का ऐलान होगा। सभापति की प्रक्रिया साथ में होगी। अपील समिति के सदस्यों का चयन भी इसी दिन होगा। इसमें महापौर अध्यक्ष होंगे तथा चार सदस्य भी रहेंगे।

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