लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक तरफ माफियाओं-अपराधियों की कमर तोड़ रहे हैं तो वहीं भ्रष्ट अधिकारियों पर भी नकेल कसने में लगे हुए हैं।
इसी कड़ी में सीएम योगी ने सरकारी जमीनों में हेरफेर करने के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए मेरठ एसओसी राकेश कुमार, चकबंदी अधिकारी प्रभाकर और लेखपाल संजीव चौहान को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
आईपीसी की धाराओं में दर्ज होंगे केस
तीनों अधिकारियों के खिलाफ आईपीसी की धाराओं में केस दर्ज करने का मुख्यमंत्री योगी ने आदेश दिया है। इसके अलावा कड़ा एक्शन लेते हुए सीएम योगी ने इन सभी अदिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश जारी कर दिए हैं। वहीं एसओसी की जांच मेरठ के कमिश्नर को सौंप दी है।
बिसौला गांव में हुआ था घोटाला
बता दें कि मेरठ के बिसौला गांव में ये घोटाला हुआ था। यहां पर ग्रामसभा की सरकारी जमीन अवैध रूप से आवंटित कर दी गई थी।
अधिकारियों द्वारा सरकारी जमीनों में की जा रही हेराफेरी पर सीएम योगी नाराज हुए थे और बुधवार को उन्होंने कड़ी कार्रवाई करते हुए सभी तीनों अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित दिया। सीएम योगी ने इस मामले में विभागीय जांच भी बैठा दी है।
भ्रष्टाचार पर सख्त हैं सीएम योगी
गौरतलब है कि एक तरफ यूपी में जमीन माफिया सक्रिय हैं जो जहां पर खाली पड़ी जमीन देखते हैं उस पर कब्जा कर लेते हैं। ये लोग सरकारी जमीन पर भी कब्जा कर लेते हैं और उन पर पक्के निर्माण, मकान या दुकानें बनाकर उसे बेच देते हैं।
हर तरफ हो रही ताबड़तोड़ कार्रवाई
वहीं सरकारी अधिकारी भी कहीं-कहीं इन कामों में लिप्त पाए गए हैं। मुख्यमंत्री योगी चाहे वो भू माफिया हो या खनन माफिया, सभी पर तगड़े एक्शन ले रहे हैं और कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं।
सीएम योगी जमीन माफियाओं के साथ-साथ भ्रष्टाचार पर भी सख्त हैं, और लगातार अधिकारियों पर एक्शन ले रहे हैं।
इससे प्रदेश में न केवल जमीन माफिया बल्कि भ्रष्ट अधिकारियों में भी हड़कंप मचा हुआ है। अभी हाल ही में सीएम योगी ने कई माफिया-डॉन के अवैध निर्माणों को गिरवाया है, जिससे जमीन माफियाओं और बदमाशों में भगदड़ मची हुई है।