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अंधविश्वास को तोड़कर सीएम योगी करेंगे नोएडा का दौरा

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नई दिल्ली। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ शनिवार को नोएडा का दौरा करेंगे। सीएम योगी यहां अटल बिहारी वाजपेयी और क्रिसमस के मौके पर शुरू होने वाली नोएडा-कालकाजी मेट्रो का मुआयना करने आ रहे हैं। इस मेट्रो का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे और एमिटी यूनिवर्सिटी में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। सीएम योगी का ये दौरा इस लिए भी खास माना जा रहा है क्योंकि यूपी के सीएम नोएडा के दौरे को अपशकुन मानते हैं। नोएडा से जुड़े सभी मिथकों को तोड़ते हुए योगी शनिवार को नोएडा का दौरा करेंगे। देखना ये होगा कि सीएम योगी के लिए नोएडा का दौरा क्या रगं लाता है।

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बता दें कि योगी के इस दौरे को एक और रूप भी दिया जा रहा है। उनके इस दौरे को अधंविश्वास को तोड़ने के तौर पर भी देखा जा रहा है। जिसमें से कहा जाता है कि नोएडा का दौरा करने वाले सीएम जल्द ही अपनी कुर्सी गवां देते हैं। बता दें कि योगी को अधिकारियों ने नोएडा न जाने की सलह भी दी थी। लेकिन योगी ने उनकी सलह नहीं मानी और नोएडा का दौरा करने के लिए तैयार हो गए। योगी के दौरे को लेकर बीजेपी प्रवक्ता चंद्रमोहन का कहना है कि वो अंधविश्वास पर यकीन नहीं रखते वो सिर्फ जनता के हित में काम करने पर भरोसा रखते हैं। जिस अंधविश्वास की वजह से पू्र्व सीएम नोएडा जाने से बचते रहे सीएम योगी उस अंधविश्वास को तोड़कर नोएडा जाएंगे।

वहीं नोएडा कार्यक्रम से पहले सीएम योगी बागपत में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। जनसभा को संबोध्त करने के बाद वो सीधे नोएडा आएंगे। जहां वो बॉटेनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन का मुआयना करने के बाद कार द्वारा एमिटी यूनिवर्सिटी पहुंचेंगे। यहां जनसभा की तैयारियों को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा करेंगे। इसके बाद वे लखनऊ के लिए रवाना हो जाएंगे। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को लेकर यातायात में भी परिवर्तन किया गया है। बॉटेनिकल गार्डन बस अड्डे के सामने दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक यातायात बंद रहेंगे।

बता दें कि नोएडा को लेकर कहा जाता है कि जो भी सीएम यहां का दौरा करता है उसे अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ता है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने कार्यकाल में कभ नोएडा नहीं आए। उन्होंने सारे काम लखनऊ से ही किए। हालांकि एक बार नोएडा आने के बाद उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा था। मायावती को भी नोएडा का दौरा करने के बाद अपने कार्यकाल से हाथ धोना पड़ा था। इस अंधविश्वास को 1988 में तत्कालीन सीएम वीर बहादुर सिंह से जोड़ कर देखा जाता है। उन्होंने एक बार नोएडा का दौरा किया था। जिसके बाद उन्हें अपने पद से हाथ धोना पड़ा था। उसके बाद और भी कई सीएम के साथ ऐसा हुआ। जिसके बाद नोएडा अंधविश्वास में डूब गया।

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