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सीएम योगी ने पत्रकारों के साथ किया वर्चुअल संवाद, दी ये अहम सलाह

योगी सीएम योगी ने पत्रकारों के साथ किया वर्चुअल संवाद, दी ये अहम सलाह

लखनऊ: मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कोविड प्रबंधन के संबंध में वरिष्‍ठ पत्रकारों से वर्चुअल संवाद किया। इस दौरान उन्‍होंने कहा कि, यह भी एक आपदाकाल है, महामारी है। इसे सामान्य वायरल फीवर भर मान लेना भारी भूल होगी।

कोरोना की चपेट में हैं सीएम योगी

मुख्‍यमंत्री ने वरिष्‍ठ पत्रकारों से संवाद में कहा कि, मैं खुद इसकी चपेट में हूं। 13 अप्रैल से ही आइसोलेशन में रहते हुए कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर रहा हूँ। उत्तर प्रदेश की स्थिति की समीक्षा करते हुए हमें यहां की व्यापक आबादी, जनसांख्यकीय विविधता को भी दृष्टिगत रखना होगा।

उन्‍होंने कहा कि, इस बार की लहर पिछली बार की तुलना में लगभग 30 गुना अधिक संक्रामक है। इस तथ्य को समझते हुए राज्य सरकार द्वारा मरीजों के बेहतर इलाज के लिए सभी जरूरी इंतज़ाम किए जा रहे हैं।

नए आक्सीजन प्लांट लगाने पर हो रहा काम

सूबे के मुखिया ने कहा कि, हमने सरकारी संस्थानों में ऑक्सीजन प्लांट की व्यवस्था कर रखी है। निजी संस्थानों में इस व्यवस्था का अभाव था। डीआरडीओ की नवीनतम तकनीक आधारित 18 प्लांट सहित 32 नए ऑक्सीजन प्लांट लगाने का काम हो रहा है। अब हम यहां भी ऑक्सीजन प्लांट स्थापना के लिए प्रोत्साहन दे रहे हैं। जब अचानक बेड बढ़ाने पड़े तो कुछ समस्या जरूर हुई, लेकिन तेजी के साथ उस अभाव की पूर्ति कर ली गई।

कालाबाजारी के कारण आक्सीजन की हुई कमी

मुख्‍यमंत्री ने कहा, निजी हो या सरकारी किसी कोविड हॉस्पिटल में ऑक्सीजन का अभाव नहीं है। समस्या कालाबाजारी और जमाखोरी है। सीएम ने बताया कि दो दिन पहले एक निजी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन खत्म होने की सूचना सार्वजनिककी गई। जब इसकी पड़ताल कराई तो पता चला पर्याप्त ऑक्सीजन है।

जिसे जरूरत नहीं वो भी मांग रहा आक्सीजन सिलेंडर

ऐसे लोगों के कारण लोगों में भय बढ़ रहा है। जिसे जरूरत नहीं है वह भी ऑक्सीजन सिलिंडर के लिए परेशान है। मीडिया जगत को ऐसे लोगों के बारे में जनता को बताया जाना चाहिए। लोगों को जागरूक करने की जरूरत है।

हम ऑक्सीजन की प्रॉपर मॉनिटरिंग के लिए हमने आइआइटी कानपुर, आईआइएम लखनऊ और आइआइटी बीएचयू के सहयोग से ऑक्सीजन की ऑडिट कराने जा रहे हैं। ऑक्सीजन मांग-आपूर्ति-वितरण की लाइव ट्रैकिंग कराने की व्यवस्था लागू हो गई है। ऑक्सीजन कहीं कम नहीं है, बशर्ते केवल जरूरतमंद ही इसका इस्तेमाल करें। हर संक्रमित मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत नहीं, इस जागरुकता को बढ़ाने में मीडिया से सहयोग अपेक्षित है।

रेमेडेसीवीर दवाओं का भी नहीं है अभाव

रेमेडेसीवीर जैसी दवाओं का अभाव नहीं है। जब मांग बढ़ी तब हमने स्टेट प्लेन भेजकर अहमदाबाद से इंजेक्शन मंगवाया, हर दिन आपूर्ति हो रही है। हमें इसकी चिकित्सकीय जरूरतों को समझना होगा, जिसे जरूरत हो वही इस दवा का प्रयोग करे। मीडिया को इस महत्वपूर्ण तथ्य से लोगों को अवगत कराना चाहिए।

लखनऊ में तेजी से स्वस्थ हो रहे मरीज

बीते तीन दिन से लखनऊ में नए संक्रमित केस की तुलना में स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या अधिक है। प्रयागराज और वाराणसी में भी ऐसी ही स्थिति बन रही है। जाहिर है बेड का अभाव नहीं होना है। इसकी हर दिन समीक्षा की जा रही है।

हमें यह ध्यान रखना होगा कि इस बार की कोविड लहर पिछली लहर की तुलना में 30 गुनी अधिक संक्रामक है। बीते वर्ष फरवरी में जब प्रदेश में पहला केस आया था, तब हमारे पास कोई संसाधन नहीं थे। हर प्रयोगशाला को अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए वित्तीय संसाधन उपलब्ध करा दिए गए हैं। 10 मई तक हमारी टेस्टिंग कैपिसिटी आज की तुलना में दोगुनी हो जाएगी।

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