सूबे में सीएम योगी समेत दोनों उपमुख्यमंत्री तथा स्वतंत्रदेव सिंह को एमएलसी के तौर पर शुक्रवार को एमएलसी के तौर पर चुन लिया गया है। योगी सरकार में चार मंत्री ऐसे थे जोकि ना ही विधायक थे और ना ही एमएलसी थे। उन्हें 19 सितंबर तक किसी सदन का हिस्सा बनना था। मंत्री पद पर बने रहने के लिए उन्हें 6 महीनों के अंदर किसी एक सदन में अपनी भागीदारी देनी थी।
हाल ही में विपक्षी पार्टियों में से पांच एमएलसी ने बीजेपी से हाथ मिलाया था। सपा से एमएलसी पद के से बुक्कल नवाब, यशवंत सिंह, सरोजिनी अग्रवाल और अशोक वाजपेयी ने और बसपा की तरफ से जयवीर सिंह ने एमएमसी पद से इस्तीफा दे दिया था। चार सपा तथा एक बसपा के एमएलसी ने बीजेपी के साथ जाने का फैसला किया था। चुनाव आयोग ने पांच में से चार सीटों पर चुनाव कराने का निर्णय लिया था।
जयवीर सिंह का कार्यकाल में एक साल से कम का वक्त बच जाने के कारण उन्हें मना कर दिया था। हालांकि बाद में अधिसूचना जारी कर इस सीट पर चुनाव का फैसला लिया गया था। वही शुक्रवार को सीएम योग आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या तथा स्वतंत्र देव सिंह को एमएलसी चुना गया है। उन्हें निर्विरोध एमएलसी चुनाव गया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि विपक्षी पार्टियों ने बीजेपी के खिलाफ अपने उम्मीदवार को उतारा ही नहीं।