यूपी की राजनीति में एक बार फिर जातीय राजनीति का पारा गरम है । सहारनपुर में दलितों और उच्च जातिवर्गों के बीच संघर्ष अब बड़ा और गम्भीर रूप लेता जा रहा है। ताजा हिंसा के मामले में अब एक शख्स की मौत हो गई है। जबकि दर्जनों की संख्या में लोग घायल हुए हैं। पूरा मामला सहारनपुर में मायावती की रैली के बाद लौट रहे लोगों पर हुए हमले को लेकर है। जिसके बाद अब तीसरी बार हिंसा ने फिर से उग्र रूप धारण कर लिया है। सारी वारदात बस एक माह के भीतर की है।
नये नेता के तौर पर उभरे आजाद
सहारनपुर में दलितों पर हुए इस हमले के बाद एक नये नेता के तौर पर भीम आर्मी के चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण दलितों की आवाज बनकर उभरे । बीते दिनों आजाद ने जंतर-मंतर पर एक विशाल विरोध प्रदर्शन भी किया जिसके बाद बड़ी संख्या में अन्य राज्यों से दलितों का जमावड़ा भी हुआ था। लेकिन अब हुई हिंसा के बाद फिर एक बार भीम आर्मी और प्रशासन आमने-सामने हैं। सीएम योगी ने इस मामले में उच्च अधिकारियों की एक टीम भी भेज दी है। जिसमें गृह सचिव मणि प्रसाद मिश्रा, अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) आदित्य मिश्रा, महानिरीक्षक एसटीएफ अमिताभ यश और डीजी (सुरक्षा) विजय भूषण शामिल हैं।
सीएम योगी का लहजा हुआ सख्त
सीएम योगी ने साफ औऱ सख्त लहजे में कहा है कि मामले की तह तक जांच हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाये। इसके साथ ही शीघ्रता से वहां पर शांति की बहाली की ओर कदम बढ़ाये जायें। हांलाकि सीएम योगी ने इस वारदात को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए अधिकारियों को इस घटना को लेकर काफी सजग और गम्भीर रहने की हिदायद भी दी है। सीएम योगी ने कहा कि दोषियों का चिन्हित कर तुंरत इनके खिलाफ सख्ती के साथ निपटा जाये। साथ ही जिन अधिकारियों ने लापरवाही बरती है उनके विरूद्ध भी एक्शन लिया जाये। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सबकी है किसी मजहब और पंथ या जाति की नहीं।
माया पर साधा योगी के मंत्री ने निशाना
हांलाकि योगी के मंत्री श्रीकांत शर्मा ने ताजा हिंसा मामले का ठीकरा बसपा सुप्रीमों मायावती के सर पर फोड़ दिया। उन्होने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री ने हो रही हिंसा को रोकने के बजाय आग में घी डालने का काम किया । जिसके चलते एक निर्दोष को अपनी जान गंवानी पड़ी है। मात्र दो महीने की सरकार पर इस कांड का केवल विपक्ष ठीकरा फोड़ने का मनसूबा बना रहा है। जबकि योगीराज में अभी पूर्ववर्ती सरकारों के कई सुधार होने के साथ अभी कानून-व्यवस्था को सही करने की कवायद की जा रही है।
एसएसपी का हुआ तबादला
इस घटना की गम्भीरता को देखते हुए योगी सरकार ने ने मृतक के परिजनों को 15 लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये आर्थिक सहायता दिए जाने की घोषणा की है। सहारनपुर में कैम्प किये उच्चाधिकारियों ने लगातार जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ मीटिंग के साथ पूरे प्रकरण पर अपनी नजरें जमाए हुए हैं। इसके साथ ही बाहरी जिलों से पीएससी को भी बुलाया गया है। जिले के एसएसपी सुभाष चन्द्र दूबे को हटा दिया गया है।
आखिरकार अपने सख्त प्रशासनिक रवैए के चलते योगी सरकार ने सहारनपुर में हुई हिंसा की वारदात को कंट्रोल ना कर पाने के चलते आखिरकार एसएसपी सुभाष चंद्र दूबे का तबादला कर दिया। इसके साथ गृह सचिव को भी सीएम की फटकार लगी है। सूत्रों की माने तो डीएम औऱ डीआईजी पर भी कार्रवाई हो सकती है।