अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी(AMU) में जिन्ना की तस्वीर को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस मामले में बड़ा बयान दिया ह। उनके अनुसार जिन्ना ने हमारे देश का बंटवारा किया था तो हम किस तरह उनकी उपलब्धियों का बखान कर सकते हैं, देश में जिन्ना का महामंडन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सीएम ने इंडिया टुडे को दिए अपने इंटरव्यू में कहा कि एएमयू मामले में जांच के आदेश दे दिए गए हैं, जल्द ही इसकी रिपोर्ट भी मिल जाएगी। उसके बाद मामले में जल्दी एक्शन लिया जाएगा।
वहीं यूनिवर्सिटी में भड़की हिंसा के बाद एएमयू छात्र संघ ने सांसद के खिलाफ एनएसए लगाने की मांग की है। छात्र संघ ने फोटो हटाने की सांसद की मांग को खारिज कर दिया। साथ ही यूनिवर्सिटी में पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी के कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया है। कार्यक्रम में आज हामिद अंसारी को यूनियन की आजीवन सदस्यता दी जानी थी।
एएमयू में जिन्ना को लेकर हिन्दू युवा वाहिनी और छात्र संघ आमने-सामने आ गये थे जहां पुलिस को बलप्रयोग करना पड़ा, आंसूगैस के गोले छोड़ने पड़े। इस झड़प में कम से कम छह छात्र घायल हो गए। एएमयू के प्राक्टर मोहसिन खान ने बताया कि एएमयू छात्र संघ के अध्यक्ष मशकूर अहमद उस्मानी और छात्र संघ के पूर्व उपाध्यक्ष एम हुसैन जैदी घायलों में शामिल हैं।
वहीं योगी सरकार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से विवाद खड़ा हो गया है। उन्होंने कल कानपुर में कहा था कि मोहम्मद अली जिन्ना एक महान शख्सियत थे। उन्होंने कहा था कि जिन महापुरुषों ने राष्ट्रनिर्माण में योगदान दिया, यदि उन पर कोई उंगली उठाता है तो ये गलत बात है। देश के बंटवारे से पहले जिन्ना का योगदान भी इस देश में था मौर्य के इस बयान के बाद पार्टी में उनकी बहुत आलोचना हो रही है इतना ही नहीं उन्हें पार्टी से निकाले जाने तक की भी बातें होने लगी हैं।
मौर्य के इस बयान पर यूपी से भाजपाके राज्य सभा सदस्य हरनाथ सिंह यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा कि- “देश के तीन टुकडे करने वाले जघन्य अपराधी मोहम्मद अली जिन्ना को महापुरूष कहने वाले सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य या तो अपना बयान वापस लेकर माफी मांगे अन्यथा तत्काल पार्टी से बाहर निकाले जायें।”
गौरतलब है कि अलीगढ़ से बीजेपी सांसद सतीश गौतम ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कुलपति तारिक मंसूर को चिट्ठी लिखकर विश्वविद्यालय छात्रसंघ के कार्यालय की दीवारों पर पाकिस्तान के संस्थापक की तस्वीर लगे होने पर आपत्ति जताई थी।