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योगी का एक साल: कैसा रहा सीएम के तौर पर पहला साल?

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जनसंख्या के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में 14साल का वनवास खत्म कर बीजेपी आज ही के दिन सत्ता में आई थी। आज ही के दिन सीएम योगी को राज्य के मुख्यमंत्री की तौर पर चुना गया था और 19 तारीख को उन्होंने उत्तर प्रदेश के नए सीएम के रुप में शपथ ली थी, इसलिए योगी सरकार का एक साल पूरा होने को उपलक्ष्य में 19 मार्च को लोकभवन में जश्न मनाया जाएगा। उत्तर प्रदेश अकेला ऐसा राज्य है जहां से लोकसभा की 80 सीटें आती हैं, और बीजेपी पिछले साल यहां 80 में से 70 सीटें (सहयोगी दल के साथ सीटोें) अपने नाम करने में सफल रही थी। इतनी बड़ी जीत के बाद क्या योगी सरकार चुनाव से पहले किए गए अपने वादों पर खरा उतरी यह एक बड़ा सवाल है? बीजेपी से पहले सपा और बसपा को ही उत्तर प्रदेश की अहम पार्टियों के रूप में देखा जाता था लेकिन  पिछले साल जिस बंपर जीत के साथ भाजपा सत्ता में आई उसने सबको चौंका कर रख दिया था।

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योगी सरकार ने सत्ता में आते ही राज्य में हड़कंप मचा दिया था। प्रदेश में मनचलों पर लगाम कसने के लिए रोमिया स्काएड का गठन किया था वहीं योगी सरकार के इस फैलसे को लेकर भी पुलिस-प्रशासन में भी काफी असमंजस की की स्थिति पैदा हो गई थी। जिससे कई जगह पर प्रेमी जोड़ों को पुलिसकर्मियों की वजह से परेशान भी होना पड़ा था। इसके बाद सीएम के जिस फैसले ने राज्य में सबसे ज्यादा हंगामा मचाया था वह था अवैध बूचड़खानों को बंद करना।

 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अवैध बूचड़खानों पर रोक लगाकर प्रदेश भर में सनसनी फैला दी थी। जिसके बाद गोरक्षा को लेकर योगी सरकार ने अवैध बूचड़खानों पर तत्काल प्रभाव से ताले लटका दिए थे। सराकर ने 24 घंटों के अंदर प्रदेश के सभी अवैध बूचड़खानों को बंद करने का ऐलान कर दिया था। इसके बाद सरकार के इस फैसले को विपक्ष ने पूरी तरह से विवाद्स्त बनाने की कोशिश भी की।

 

योगी सरकार ने चुनाव से पहले किए गए अपने राज्य बेरोजगारी को खत्म करने के लिए युवाओं को रोजगार देने के उद्देश्य से उद्दयोगों की स्थापना का तेजी से शुरु कर दिया गया है। प्रदेश में औद्योगिक निवेश और रोजगार को प्रोत्साहन नीति, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, स्टार्टअप नीति के संबंध में कई नीतियां लागू की गई हैं।

 

वहीं 21 और 22 फरवरी 2018 को लखनऊ में उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट 2018 का आयोजन भी किया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी ने यूपी में निवेश के लिए मुकेश अंबानी, रतन टाटा और चन्द्र्शेखरन महिंद्रा जैसे बड़े व्यापारियों को आमंत्रित किया है।  योगी सरकार के अहम फैसलों में राष्ट्र में संचालित हो रहे मदरसों से जुड़ा है। तमाम विवादों को दरकिनार करते हुए योगी सरकार ने इस बार प्रदेश के 43 मदरसों पर कड़ी कार्यवाही करते हुए मानक ना पूरा करने वाले 43 मदरसों के 298 शिक्षकों समेत कर्मचारियों का वेतन रोक दिया था। इसके साथ ही 15 अगस्त को सभी मदरसों में राष्ट्रगान को अनिवार्य करने का भी फैसला योगी सरकार ने लिया। उत्तर प्रदेश में कई मदरसे बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं और इन्हें फंड कहां से मिल रहा है। राज्य मशीनरी को अब तक इसकी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है. लिहाजा योगी सरकार ने मदरसों रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है। मदरसे में NCERT पैटर्न से पढ़ाई का भी आदेश दिया गया था। इसके अलावा परिवहन, किसानों की कर्जमाफी, और सबको बिजली जैसे फैसले काफी खास फैसले रहे हैं।

 

पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह के बाद योगी आदित्यनाथ ने तीसरे स्टार प्रचारक के रुप में खुद को स्थापित किया, इसलिए  भाजपा ने गुजरात और हिमाचल प्रदेश चुनाव में जमकर उनसे चुनाव प्रचार करवाया। गुजरात में सीएम योगी ने 35 सीटों पर बीजेपी के लिए प्रचार किया था, लेकिन हाल ही में उत्तर प्रदेश उपचुनाव में मिली हार के बाद  योगी आदित्यनाथ को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।

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