नई दिल्ली। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ हर्षवर्धन की मुलाकात बीते शुक्रवार को सीएम के दिल्ली दौरे के दौरान हुई। मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने सूबे में विकास कार्यों को लेकर बातचीत के साथ पर्यावरण को स्वच्छ रखने के प्रयासों और प्रस्तावों के बारे में केन्द्रीय मंत्री से मुलाकात के दौरान चर्चा की। इसके साथ ही विकास कार्यों के लिए कुछ वन क्षेत्रों को हटाकर दूसरी जगह पर वृक्षारोपण कर क्षतिपूर्ति जैसे कई प्रस्ताव रखे।
सीएम रावत ने बातचीत के दौरान बताया कि प्रदेश में वन भूमि हस्तांतरण तथा क्षतिपूर्ति सम्बंधी प्रावधानों में सरलीकरण करने का अनुरोध करते हुए, डिग्रेडेड फोरेस्ट लैण्ड ही क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण के लिये उपलब्ध कराये जाने, भागीरथी इको सेंसेटिव जोन से सम्बंधित अधिसूचना के प्राविधानों में संशोधन किये जाने, केम्पा के प्राविधानों में सरलीकरण, 1000 मीटर से अधिक ऊचाई वाले क्षेत्रों में पेड़ कटान की अनुमति तथा जंगली सूअर से मानव एवं कृषि की रक्षा हेतु जंगली सूअरो को मारने की अनुमति दिये जाने आदि से सम्बंधित राज्य हित से सम्बंधित विभिन्न विषयों पर आवश्यक सहमति प्रदान करने का अनुरोध किया।
इसके साथ ही केन्द्र सरकार की बहु प्रतीक्षित ऑल वेदर रोड़ के निर्माण संबंध में मंत्रालय की अनुमति और इस दौरान काटे जाने वाले पेड़ों के लिए क्षतिपूर्ति सम्बंधी प्रावधानों में सरलीकरण करने का अनुरोध भी किया। सूत्रों की माने तो सीएम रावत और केन्द्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन सिंह के बीच हुई मुलाकात काफी सकारात्मक थी। इस दौरान केन्द्रीय मंत्री ने सभी प्रस्तावों को ले लिया है शीघ्र ही इस विचार करने का आश्वासन भी दिया गया है।