मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने ऋषिकेश पहुंचकर एम्स द्वारा शुरू की गई टेलीमेडिसिन सेवा ‘गरुड़’ का उद्घाटन किया। इस टेलीमेडिसिन सेवा के जरिए प्रदेश के सभी 110 तहसीलों में देशभर के 898 ट्रेंड मेडिकल और पेरामेडिकल छात्रों द्वारा मेडिकल सम्बन्धी जानकारी और परामर्श दिया जाएगा। जिसके जरिए प्रदेश की जनता को फोन के माध्यम से ही एक्सपर्ट डॉक्टरों के चिकित्सीय परामर्श मिल सकेगा।
हेल्थ सिस्टम मजबूत करना चुनौती- सीएम
इस मौके पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि मेडिकल और पैरामेडिकल के नौजवानों द्वारा एम्स ऋषिकेश की पहल सराहनीय प्रयास है। सरकार लगातार प्रयासरत है कि ज़्यादा से ज्यादा डॉक़्टरों की तैनाती की जाए। आज के समय में सीमांत क्षेत्रों तक कनेक्टिविटि के साथ हेल्थ सिस्टम मजबूत करना सबसे बड़ी चुनौती है। सीएम ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से ये देखने में आया है कि शहरी इलाकों में कोविड की स्थिति स्थिर बनी हुई है। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राफ बढ़ रहा है, जिसको लेकर सभी अधिकारियों को यह निर्देश दिए गए हैं कि हर ब्लॉक स्तर तक कंट्रोल रूम बनाए जाएं।
टेस्टिंग के आंकड़ों को पारदर्शी रखा- सीएम
मुख्यमंत्री तीरथ ने आगे कहा कि राज्य सरकार टेस्टिंग के आंकड़ों को पारदर्शी तरीके से सामने रख रही है। टेस्टिंग नेशनल एवरेज से अधिक है, इससे साफ है कि उत्तराखंड में ज्यादा टेस्टिंग की जा रही है। उन्होने कहा कि सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि तीसरी लहर के आने से पहले ही जरूरी तैयारी पूरी कर ली जाए, जिसको लेकर पहाड़ के छोटे-छोटे सेंटर पर भी ऑक्सीजन प्लांट लगाने की तैयारी भी की जा रही है।
‘प्रोजेक्ट में 1621 छात्रों ने किया पंजीकरण’
वहीं एम्स के निदेशक प्रोफेसर रविकांत ने बताया कि एम्स ऋषिकेश द्वारा प्रोजेक्ट गरुड़ के लिए देशभर से मेडिकल और पैरामेडिकल के छात्रों के आवेदन मांगे गए थे। इस प्रोजेक्ट में कुल 1621 छात्रों ने पंजीकरण किया, जिसमें से 898 मेडिकल और पैरामेडिकल के छात्रों को इस प्रोजेक्ट हेतु चयनित किया गया। प्रोफेसर रविकांत ने बताया कि इस प्रोजेक्ट में MBBS और BDS के 621 डॉक्टर जबकि पैरामेडिकल कोर्सेज से संबंधित 277 छात्रों को शामिल किया गया है।
वहीं इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल, विश्व हिंदू परिषद के संरक्षक दिनेश, ऋषिकेश मेयर अनीता ममगाई और एम्स ऋषिकेश के वरिष्ठ चिकित्सक मौजूद रहे।