उत्तराखंड राज्य

सीएम रावत ने की प्रदेश में रोजगार सृजन के सम्बन्ध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता

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देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि जब हम दूसरों पर निर्भर रहते है तो अपनी क्षमता व ताकत का बेहत्तर उपयोग नही कर पाते हैं। आज जरूरत है अपनी क्षमता व कौशल से समाज को नई दिशा देने की। अपने स्वयं के संसाधनों से लोगों के जीवन में बदलाव लाने वाले उद्यमी प्रशंसा के योग्य है। एसे व्यक्ति समाज के लिये प्रेरणा का कार्य ही नही करते बल्कि युवाओं को स्वरोजगार के लिये प्रेरित करने में भी मददगार होते है।

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बता दें कि बीते मंगलवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में प्रदेश में रोजगार सृजन के सम्बन्ध में मुख्य सचिव, शासन के उच्च अधिकारियों एवं पूर्व सचिव कमल टावरी सहित स्वरोजगार के क्षेत्र में कार्य करने वाले उद्यमियों तथा अन्य बुद्धिजीवियों के साथ आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि समाज को एसे लोगों की जरूरत है जो रोजगार व स्वरोजगार की दिशा में मार्गदर्शन का कार्य कर सके। इससे युवाओं को स्वरोजगार की दिशा में आगे बढने की प्रेरणा मिलेगी तथा विभिन्न क्षेत्रों में स्वरोजगार व रोजगार के अवसरों का भी सृजन हो सकेगा।

उन्होंने कहा कि युवाओं को सरकारी रोजगार पर निर्भरता के बजाय स्वावलम्बन की ओर ध्यान देना होगा। यदि युवा अपनी सोच में बदलाव लाये तो बहुत कुछ किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कौशल विकास की दिशा में प्रभावी ढ़ंग से कार्य किया जा रहा है। स्वरोजगार की दिशा में विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाले उद्यमी भी इस दिशा में सहयोग कर सकते है। प्रदेश के विकास में योगदान देने वालों का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे सभी लोगों का यथा संभव सहयोग किया जायेगा। उन्होंने विभिन्न उद्यमियों व बुद्धिजीवियों द्वारा दिये गये सुझावों को उन्होंने राज्यहित में बताया तथा इस पर सकारात्मक कार्यवाही का भी आश्वासन दिया।

वहीं इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के विकास के लिये 2020 तक के लक्ष्य निर्धारित किये है। इसके लिये मूलभूत सुविधाओं के विकास स्किल डेवलपमेंट व रोजगार सृजन के क्षेत्रों में कार्ययोजना बनायी जा रही है। इस दिशा में उद्यमियों व बुद्धिजीवियों के सुझाव व अनुभवों का भी लाभ राज्य को मिले इसके प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में छोटे स्तर पर कार्य करने वालों का विस्तार हो तथा सरकार के साथ सहयोग करते हुए नवीन प्रयासों के साथ एक प्लेटफार्म उपलब्ध हो। इसके भी प्रयास किये जा रहे है।

साथ ही बैठक में ग्रामीण विकास के साथ ही गांवों में रोजगार के अवसरों के सृजन कृषिकरण बागवानी जड़ीबूटी पर्यावरण आयुर्वेद ग्रामीण पर्यटन के क्षेत्र में सम्भावनायें तलासने तथा इस दिशा में एक रोड मैप के साथ कार्य करनें, राज्य के विकास में प्रवासी उत्तराखण्डियों को भी सहयोगी बनाये जाने आदि से सम्बन्धित सुझाव उपस्थित बुद्धिजीवियों एवं उद्यमियों द्वारा दिये गये। इस अवसर पर पूर्व सचिव कमल टावरी ने कहा कि बिना किसी सरकारी मदद के अपने कौशल से स्वरोजगार को बढ़ावा देने वाले उद्यमी, अन्य लोगों के आत्म विश्वास को मजबूत करने का भी कार्य कर रहें है। उन्होंने कहा कि गांवों को विकास का केन्द्र बनाकर ग्रास रूट में कार्य करने से स्वरोजगार की दिशा में युवा प्रेरित होंगे तथा पलायन को भी रोकने में मदद मिल सकेगी।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश, डॉ.रणवीर सिंह, प्रमुख सचिव मनीषा पंवार, सचिव आर.मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव सूचना एवं कौशल विकास डॉ.पंकज कुमार पाण्डेय, प्रमुख वन संरक्षक जयराज, अपर सचिव एससी सेमवाल, वी.षणमुगम, डॉ.मेहरबान सिंह बिष्ट, निदेशक उद्योग सुधीर नौटीयाल, समाजसेवी डॉ.रजनी सरीन, निदेशक हिमालय एडवेचर इंन्स्टिट्यूट एसपी चमोली, आयुर्वेद शोध संस्थान के स्वामी भास्करानंद, प्राचार्य पेसल वीड कॉलेज डॉ.शीला टावरी, अध्यक्ष गृहलक्ष्मी महिला कारपोरेशन महाराष्ट्र डॉ.आशा भांगरे, पर्यावरण प्रेमी जगत सिं जंगली, अध्यक्ष सेब उत्पादक फेडरेशन डीपी उनियाल सहित अनके बुद्धिजीवी व उद्यमी आदि उपस्थित थे।

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