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सीएम रावत ने विकास से सम्बंधित विभागों के अधिकारियों के साथ विस्तृत विचार विमर्श किया

09 56 सीएम रावत ने विकास से सम्बंधित विभागों के अधिकारियों के साथ विस्तृत विचार विमर्श किया

देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बीते बुधवार को मा.उच्च न्यायालय के निर्देशों के क्रम में देहरादून शहर में अतिक्रमण हटाने के उपरान्त पुनर्निर्माण एवं विकास से सम्बंधित विभागों के अधिकारियों के साथ विस्तृत विचार विमर्श किया। उन्होंने कहा कि सड़क/फुटपाथ के चैडीकरण, सौंदर्यीकरण व नाली निर्माण, टाइल्स लगाने आदि का कार्य शीर्ष प्राथमिकता पर किया जाय। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि जहां पर आवश्यक हो वहां पर तारबाड आदि की भी व्यवस्था की जाये। उन्होंने विद्युत व टेलीफोन के पोलों की पुनस्र्थापना पर भी ध्यान देने को कहा।

 

09 56 सीएम रावत ने विकास से सम्बंधित विभागों के अधिकारियों के साथ विस्तृत विचार विमर्श किया

 

बता दें कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम में अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बीते बुधवार को महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, सर्वे चैक स्थित आई.आर.डी.टी. सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक की। एवं उक्त कार्य सम्पन्न कराने हेतु आवश्यक निर्देश दिये। देहरादून शहर में मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण, नगर निगम देहरादून एवं जिला प्रशासन देहरादून द्वारा जन सामान्य हेतु बनाये गये फुटपाथों, गलियों सड़कों एवं अन्य स्थलों पर किये गये अनधिकृत निर्माणों एवं अवैध अतिक्रमणों को ध्वस्त किये जाने की कार्यवाही सम्पादित की जा रही है। बुधवार को इस अभियान के अन्तर्गत 651 कार्मिकों द्वारा 145 अवैध अतिक्रमणों को ध्वस्त किया गया है। 1643 कार्मिकों द्वारा 243 अतिक्रमणों का चिन्ह्किरण एवं 75 कार्मिकों द्वारा 03 भवनों के सीलिंग का कार्य किया गया है।

अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि मा.उच्च न्यायालय के आदेश के विरूद्ध एक निजी विशेष अनुज्ञा याचिका मा.सर्वोच्च न्यायालय में योजित की गयी थी। इसमें पारित आदेश में सार्वजनिक मार्गों पर अतिक्रमण हटाने विषयक मा.उच्च न्यायालय के आदेश में कोई संशोधन/परिवर्तन नही किया गया है। अतः सार्वजनिक मार्गों पर अतिक्रमण हटाने का कार्य बदस्तूर जारी रहेगा। सार्वजनिक मार्गों से भिन्न स्थानों पर अतिक्रमण हटाने के संबंध में नगर निगम के सक्षम प्राधिकारी को तीन सप्ताह में संबंधित व्यक्ति को नोटिस देना होगा, जिसके 03 सप्ताह बाद तक उसे उत्तर देना होगा एवं तदुपरान्त 04 सप्ताह में सक्षम प्राधिकारी को न्यायोचित निर्णय लेना होगा। इन स्थानों पर तब तक यथा स्थिति रहेगी।

यदि मा.उच्च न्यायालय के आदेश के दिनांक के पश्चात् कोई अतिक्रमण प्रकाश में आता है, तो ऐसे अतिक्रमण को 24 घंटे के नोटिस देने के पश्चात् यथोचित निर्णय लेकर हटाया जा सकेगा। मा.उच्च न्यायालय के सामान्य निर्देशों में उक्त के अतिरिक्त कोई संशोधन/परिवर्तन नही किया गया है। अब चिन्हकरण के कार्यों में और प्रगति लाई जायेगी तथा सार्वजनिक मार्गों को अतिक्रमण से मुक्त कराने का कार्य द्रुत गति से सम्पन्न किया जायेगा। बैठक में अतिक्रमण हटाओ अभियान टास्क फोर्स के अध्यक्ष/उपाध्यक्ष एम.डी.डी.ए. आशीष श्रीवास्तव, जिलाधिकारी एस.ए.मुरूगेशन, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक निवेदिता कुकरेती, मुख्य नगर आयुक्त विजय जोगदंडे, सचिव एम.डी.डी.ए. पी.सी.दुमका, अनु सचिव दिनेश कुमार पुनेठा सहित अतिक्रमण हटाओ अभियान से जुडे संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

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