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सीएम रावत और जलागम मंत्री सतपाल महाराज ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का किया शुभारम्भ

07 22 सीएम रावत और जलागम मंत्री सतपाल महाराज ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का किया शुभारम्भ

देहरादून। जलवायु परिवर्तन और उससे होने वाले नुकसानों के हर व्यक्ति वाकिफ है। लेकिन अब उत्तराखंड का जलागम प्रबंधन विभाग इसको लेकर काफी सजग हो गया है। जलवायु परिवर्तन से पर्वतीय क्षत्रों की भू-सरंचना तथा पारिस्थितिकीय तंत्र अत्याधिक प्रभावित हो जाते हैं। जलवायु परिवर्तन का सबसे अधिक प्रभाव कृषि क्षेत्र में होता है।

07 22 सीएम रावत और जलागम मंत्री सतपाल महाराज ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का किया शुभारम्भ

 

बता दें कि अब जलवायु परिवर्तन से दुनियां में हो रहे प्रभावों और पहाड़ी इलाकों में इसको लेकर होने वाली प्राकृतिक घटना पर विस्तार से अध्ययन और विचारों को साझा करने का एक बड़ा आयोजन उत्तराखंड जलागम प्रबंधन विभाग द्वारा किया जा रहा है। जिसमें भारतीय वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून का भी सहयोग है। कार्य का शुभारम्भ 2 मई को माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखंड त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा किया गया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जलागम मंत्री सतपाल महाराज ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया।

वहीं कार्यक्रम में बतौर विशिष्ठ अतिथि के तौर पर विभाग के मंत्री सतपाल महाराज, क्षेत्रीय विधायक हरवंश कपूर व वन अनुसंधान संस्थान की निदेशक डॉ सविता, सचिव जलागम प्रबंधन विभाग मनीषा पंवार और परियोजना निदेशक ग्राम्या-2 नीना ग्रेवाल मौजूद रही। कार्यक्रम में पद्म श्री सम्मान से सम्मानित प्रो.शेखर पाठक द्वारा मुख्य वक्ता के तौर पर जलवायु परिवर्तन होने के प्रभावों की न्यूनीकरण हेतु पर्वतीय कृषि पर विचार रखे जाएंगे। ये कार्यक्रम का विशेष आकर्षण होगा। कार्यक्रम में देश के लगभग 30 से अधिक वैज्ञानिक व शोधकर्ता व सूबे के 50 प्रगतिशील कृषकों के साथ ग्राम प्रधान भी मौजूद रहेंगे। 2 मई से प्रारम्भ होगा और इसका समापन 4 मई को महामहिम राज्यपाल डॉ कृष्ण कांत पॉल द्वारा किया जाएगा।

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