पटना| बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को दावा करते हुए कहा कि वाणिज्य कर में पिछले साल की तुलना में इस साल की पहली छमाही में 9.75 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने कहा कि पिछले साल 7,474 करोड़ रुपये के संग्रह की तुलना में इस साल मात्र 6,745 करोड़ रुपये कर ही संग्रह हो पाया है। पटना में मोदी ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि राज्य में शराबबंदी के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दावा किया था कि राजस्व संग्रह में कोई कमी नहीं आएगी। उन्होंने कहा था कि शराब पर खर्च होने वाले 10 हजार करोड़ रुपये की बचत को लोग अन्य उपयोग के सामानों पर व्यय करेंगे और इससे सरकार को पर्याप्त राजस्व मिलेगा परंतु, मुख्यमंत्री के सारे दावे धरे के धरे रह गए हैं।
भाजपा नेता ने कहा कि इस वर्ष पहले छह महीने में उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के लक्ष्य 2,100 करोड़ रुपये के विरुद्ध मात्र 46 करोड़ रुपये का ही कर संग्रह हो पाया है। इस प्रकार कर राजस्व (टैक्स रेवन्यू) में प्रथम छह महीने में पिछले साल जहां 11,419 करोड़ रुपये का संग्रह हुआ था, वहीं इस साल मात्र 9,565 करोड़ यानी 16.23 प्रतिशत कम संग्रह हुआ है।
मोदी ने सवालिया लहजे में कहा, “कपड़ा, मिठाई पर पांच प्रतिशत के साथ ही सभी वस्तुआंे पर दो प्रतिशत कर (टैक्स) वृद्धि के अलावा पेट्राल व डीजल पर सरचार्ज और दर्जनों वस्तुओं पर प्रवेश कर लगाने के बावजूद आखिर सरकार कर राजस्व संग्रह में फिसड्डी क्यों रह गई? मुख्यमंत्री के राजस्व नुकसान नहीं होने के दावे का क्या हुआ?”
उन्होंने कहा, “हाथी के चलने या खड़े रहने की बबुआ की बात कोई अनोखी नहीं है। सपा सरकार का मुख्यमंत्री वास्तव में बबुआ है, जो अपने भाषण में हाथियों का जिक्र करना नहीं भूलता, लगता है सपने में भी हमारे हाथी बबुआ को परेशान कर रहे हैं।”