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राजस्थान के कोटा में 102 बच्चों की मौत पर आया सीएम गहलोत का बयान, जाने क्या कहा

अशोक गहलोत राजस्थान के कोटा में 102 बच्चों की मौत पर आया सीएम गहलोत का बयान, जाने क्या कहा

जयपुर। राजस्थान में कोटा के जेके लोन अस्पताल में अब तक 102 बच्चों की मौत के मामले को लेकर कोटा से लेकर जयपुर से दिल्ली तक बवाल मचा हुआ है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सरकार संवेदनशील है। इस मामले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। सीएम ने वीरवार को ट्वीट में लिखा है कि कोटा के इस अस्पताल में शिशुओं की मृत्यु दर लगातार कम हो रही है। हम आगे इसे और भी कम करने के लिए प्रयास करेंगे। मां और बच्चे स्वस्थ रहें यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। 

उनके मुताबिक, राजस्थान में सर्वप्रथम बच्चों के आइसीयू की स्थापना हमारी सरकार ने 2003 में की थी। कोटा में भी बच्चों के आइसीयू की स्थापना हमने 2011 में की थी। गहलोत ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में और सुधार के लिए भारत सरकार के विशेषज्ञ दल का भी स्वागत है। हम उनसे विचार विमर्श और सहयोग से प्रदेश में चिकित्सा सेवाओं में इंप्रूवमेंट के लिए तैयार हैं। निरोग राजस्थान हमारी प्राथमिकता है।

इस बीच, राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे कोटा के जेके लोन अस्पताल में शिशुओं की मौत के बाद कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने 10 जनपथ पहुंचे। इस दौरान कई मुद्दों पर चर्चा की गई। सोनिया कोटा मुद्दे (शिशु मृत्यु) के बारे में बहुत गंभीर है, सीएम (राजस्थान) ने उन्हें एक विस्तृत रिपोर्ट भेजी है। कोटा के अस्पताल में बच्चों की मौत पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि मैंने राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिखकर उनसे इस मामले को देखने का अनुरोध किया है। हमने अपनी तरफ से हर तरह के सहयोग का आश्वासन दिया है। पिछले कुछ वर्षों की तुलना में इस बार मौतों की संख्या निश्चित रूप से अधिक है।

लोकसभा अध्यक्ष और कोटा से सांसद ओम बिड़ला ने ट्वीट कर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पुनः स्मरण पत्र भेजकर संसदीय क्षेत्र कोटा के जेके लोन मातृ एवं शिशु चिकित्सालय में शिशुओं की असमय मृत्यु की प्रतिदिन बढ़ती संख्या को देखते हुए संवेदनशीलता के साथ चिकित्सा सुविधाओं के मजबूत बनाने के लिए आग्रह किया है। आइएएनएस के मुताबिक, राजस्थान के कोटा जिले के जेके लोन अस्पताल में नए साल के पहले दो दिनों में दो और बच्चों की मौत हो गई। यानी अब तक 102 लोगों की मौत हो गई। अस्पताल अधीक्षक सुरेश दुलारा के मुताबिक, पिछले तीन दिनों में तीन बच्चों की मृत्यु हो गई है। आठ बच्चों की मृत्यु 30 और 31 दिसंबर को हुई। दो और बच्चों की मौत एक जनवरी को मृत्यु हो गई। दुलारा ने कहा कि ये दोनों बच्चे गंभीर रूप से बीमार थे और गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में थे।

जेके लोन के बाल रोग विभाग के प्रमुख अमृतलाल बैरवा ने कहा कि साल के आखिरी दो दिनों में जिन आठ बच्चों की मौत हुई, वे समय से पहले प्रसव के थे, न कि डॉक्टरों के हिस्से में कोई खराबी के कारण। बैरवा ने कहा कि नवजातों का वजन बहुत कम था और उनके परिजनों ने भी प्रसव के दौरान उचित निर्देशों का पालन नहीं किया, जिसके कारण गर्भवती माता गंभीर हालत में अस्पताल आईं। जेके लोन अस्पताल ने 2019 में 963 मौतें दर्ज की है।

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